संविदा कर्मचारी अब वेतन की पीड़ा से परेशान
लखनऊ। एनएचएम उत्तर प्रदेश के अंतर्गत कार्यरत प्रदेश भर के हजारों संविदा कार्मिकों को अब तक जून माह 2025 का वेतन भी प्राप्त नहीं हो पाया है। यह अत्यंत गंभीर और चिंताजनक स्थिति तब है, जब मिशन निदेशालय स्तर से यह स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि प्रत्येक माह की पांच तारीख तक वेतन भुगतान अनिवार्य रूप से किया जाए। बावजूद इसके, बजट की अनुपलब्धता के चलते पूरे प्रदेश में वेतन लंबित है। ये जानकारी डा अभयानंद ने दी। सोमवार को संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष डा अभयानंद ने पत्र के माध्यम से दी।
उन्होंने बताया संघ के प्रदेश नेतृत्व द्वारा भी मिशन निदेशक को औपचारिक पत्र लिखकर शीघ्र बजट जारी करने की अपील की जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इससे कर्मियों में भारी असंतोष और आर्थिक संकट है।
संघ के जिला अध्यक्ष ने बताया कि "एक ओर जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के प्रयासों से छह माह बाद स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू होने से एक बड़ी राहत मिली,वहीं अब वेतन की देरी ने संविदा कर्मियों को पुनः मानसिक और आर्थिक संकट में धकेल दिया है।" जिन कर्मियों का हाल ही में स्थानांतरण हुआ है, वे नए जिलों में आवास, बच्चों की पढ़ाई, नए खर्चों का प्रबंधन बिना वेतन के करने को मजबूर हैं। मकान किराया, बच्चों की फीस, दवा, भोजन जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति भी कठिन हो चुकी है। स्कूलों में प्रवेश की अंतिम तिथि निकल रही है और परिवार अत्यधिक तनाव में हैं।
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