गोमती में गिरने वाले नालों पर ग्रिल लगवायें: मंडलायुक्त
प्रदूषण मुक्त व निर्मल बनाने को फिर से मंडल प्रशासन की पहल
- एलडीए वीसी, नगर आयुक्त व जल निगम के अधिकारी रहे मौजूद
- निर्देश, नदी में सॉलिड वेस्ट मटेरियल पानी के ऊपर तैरता न मिले
लखनऊ। मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब की अध्यक्षता में गोमती नदी को प्रदूषण मुक्त और स्वच्छ व निर्मल बनाने के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन सोमवार को आयुक्त कक्ष कार्यालय में किया गया। इस अवसर पर उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण प्रथमेश कुमार, नगर आयुक्त गौरव कुमार सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान जल निगम के संबंधित अधिकारियों द्वारा मंडलायुक्त को अवगत कराया गया कि 32 नालों का पानी गोमती में आकर गिरता है जिसमें से 26 नाला टैपट है। उन्होंने कहा कि शेष नालों को भी टेप्ट करा लिया जाए। 730 एमएलडी डिस्चार्ज है और 600 रिट्रिट करते हैं। उन्होंने कहा कि 130 एमएलडी को जो गेप है उसको पूरा करने के लिये एक पद्धति बनाकर आवश्यक कार्रवाई की जाये। उन्होंने कहा कि गोमती नदी में कूड़ा न जाने पाये। संबंधित द्वारा बताया गया कि कैनाल एसटीपी का संचालन करा दिया गया है।
मंडलायुक्त ने नगर निगम के संबधित अधिकारियों के निर्देश दिया कि गोमती नदी में सॉलिड वेस्ट मटेरियल पानी के ऊपर तैरता न मिले। इसकी नियमित रूप से नगर निगम द्वारा साफ-सफाई कराते रहे। उन्होंने कहा कि जिन नालों का पानी गोमती नदी में गिर रहा है उन नालों पर ग्रिल लगा दिया जाए। जिससे सॉलिड बेस्ट मटेरियल गोमती नदी में ना जाये।
कैथल कालोनी के पड़े गोबर लेने की व्यवस्था बना ली जाए या वसंत कुंज योजना में बन रहे बायोगैस प्लांट पर गोबर की उपलब्धता सुनिश्चित कराये। मंडलायुक्त ने कहा कि 5 किलोमीटर कुकरैल नदी की ड्रेजिंग की गयी है। नगर निगम व एलडीए द्वारा 5 किलोमीटर ड्रेजिंग किये गए स्थान पर पवित्र धारा कार्यक्रम के तहत वृक्षारोपण कराया जाना सुनिश्चित करें।
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