प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों में नहीं मिल रही दवाएं
मरीज बाहर से महंगे दामों पर दवा खरीदने पर मजबूर
लखनऊ। प्रधानमंत्री औषधि दवाओं पर लोगों का भरोसा तेजी से बढ़ रहा है। इसका फायदा न सिर्फ मरीज उठा रहे हैं बल्कि दुकानदार से लेकर सरकार तक को खासा फायदा हो रहा है। तो राजधानी के चिकित्सा संस्थानों और सरकारी अस्पताल में चल रहे प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों पर दर्जनों दवाइयां और सर्जिकल सामान उपलब्ध नहीं है। इससे सस्ती दवाएं मरीजों को नहीं मिल पा रही। मरीज व तीमारदार निजी मेडिकल स्टोर से महंगी दवाएं खरीदने को मजबूर हैं।
किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय ,लोकबंधु अस्पताल,ठाकुरगंज संयुक्त टीबी अस्पताल,बलरामपुर अस्पताल ,लोहिया संस्थान स्थित जन औषधि केंद्रों पर 250 से 300 तरह की ही दवाएं मिल रही हैं,जबकि 500 से अधिक तरह की दवाएं उपलब्ध कराने का बोर्ड लगा है। केंद्रों पर त्वचा रोग, न्यूरोलॉजी, ईएनटी रोग,आयरन सिरप, इंजेक्शन,एंटीबायोटिक,कान-नाक-गला की दवाओं की कमी है। यहां 90 फीसदी कम कीमत में दवाएं मिलती हैं,जिससे भीड़ भी लगी रहती है। 140 तरह के सर्जिकल सामान भी नहीं हैं। सिकाई के लिए रबर का बैग, बीपी मापक, मधुमेह मापक समेत अन्य सर्जिकल सामान की इन दिनों अधिकांश घरों में जरूरत भी है।
बलरामपुर अस्पताल में बने जन औषधि केंद्र के राजेंद्र सिंह ने बताया कि चारों केंद्रों से दवाओं की डिमांड मंगाकर शासन को भेज दिया है। सर्जिकल सामान की ज्यादा मांग नहीं होने के कारण इनकी कमी है। मौसमी बीमारियों के इलाज में उपयोग होने वाले सर्जिकल सामान भी मंगा रहे हैं। दवाएं सप्ताह भर में आ जाएंगी।
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर बाजार के मुकाबले में काफी सस्ती दवाएं मिलती हैं। ग्राहक रवि सोनकर ने बताया कि दवा की गुणवत्ता भी काफी अच्छी है। कहा कि जिस दवा की कीमत बाजार में 100 रुपये है। वहीं दवा जनऔषधि केंद्र में महज दस रुपये में मिलती है। इससे गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों के लिए केंद्र सरकार की ओर से अच्छी पहल है। बीमारों के लिए यह एक तरह से वरदान है।
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