सामाजिक न्याय के प्रहरी थे वीपी सिंह
लखनऊ। जननायक वी.पी. सिंह की जयंती पर बुधवार को देशभर से आए किसान नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों और पूर्व अधिकारियों ने उन्हें याद किया।
वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व सांसद संतोष भारतीय ने कहा, "वी.पी. सिंह ने देश के सबसे कमजोर तबकों के लिए नीतियां बनाएं और उन पर अमल किया। उन्होंने किसानों की आत्मनिर्भरता का सपना देखा और किसानों के लिए अलग संगठन की स्थापना की। उनका मानना था कि जब तक किसान सदन में नहीं जाएगा, तब तक उसकी आवाज़ नहीं सुनी जाएगी। वी.पी. सिंह ने हर फैसले में गरीबों और वंचितों का पक्ष लिया।"
राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित शेखर दीक्षित ने कहा, "वी.पी. सिंह एक राजनीतिक संत थे जिन्होंने जाति और धर्म की राजनीति से ऊपर उठकर समाज के वंचित तबके के लिए लड़ाई लड़ी। आज जब देश में मूलभूत सुविधाओं की बात पीछे छूट गई है, तब उनकी विचारधारा की प्रासंगिकता और अधिक हो गई है। किसान को अपनी राजनीति खुद तय करनी चाहिए।
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