अपने मंत्री की बाट जोहता रहा रोडवेज का स्थापना दिवस मंच!
भरा सभागार, स्वागत को तैयार प्रवेश द्वार, मगर बहुत लंबा रहा इंतजार
बेहतर रिजल्ट देने वाले चालक-परिचालक व सेवानिवृत्त अधिकारी होने थे सम्मानित
- सुबह से ही प्रतिष्ठान सभागार में जुट गई रोडवेज मुख्यालय व क्षेत्रीय टीम
- चलता रहा चाय-कॉफी का दौर, दबेजुबां चर्चा कल ड्यूटी भी करनी है
- देर शाम पहुंचे माननीय, तब तक ठंडा हो चुका था स्थापना दिवस का माहौल
लखनऊ। स्थान लखनऊ का इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान का मार्स सभागार...मौका था देश के सबसे बड़े परिवहन सेवा यानी उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के 53वें स्थापना दिवस समारोह का, निर्धारित समय दोपहर दो बजे...पूरा सभागार खचाखच भरा हुआ था, प्रवेश द्वार पर भी अच्छी साज-सजावट दिखी, इंट्री करते ही आदमकद पोस्टर बैनर जिस पर सीएम योगी और परिवहन मंत्री की फोटो लगी थी और कुछ अहम नाम अंकित थे। वहीं सभागार में तमाम ऐसे चालक, परिचालक, रोडवेज कर्मी और सेवानिवृत्त अधिकारी भी जहां-तहां खड़े थे जिनके नाम सम्मानित होने वाले सूची में थे।
इतने में कुछ ही देर बाद एएमडी रोडवेज राम सिंह वर्मा मुख्यालय के कुछ अफसरों के साथ सभागार में इंट्री करते हैं और आगे की पंक्ति पर बैठ जाते हैं। ऊपर मंच सजा हुआ था, बगल में माइक पर कभी उद्घोषक तो कभी रोडवेज यूनियन के नेतागण बारी-बारी से तमाम प्रकार की बातें कर रहे थे, सामने कुर्सियों पर बैठे रोडवेज कर्मियों को देखकर यही लग रहा था कि मानो उनको तो बस अपने विभागीय मंत्री के आने का इंतजार है। वहीं इस लम्बे इंतजार के चक्कर में कुछ तो सीट पर बैठे-बैठे ही ऊबासी लेते नजर आये। जिस किसी से पूछो तो यही बात निकलकर आती थी, मंत्री जी रास्ते में हैं लेकिन कहां और कब तक पहुंचेंगे लखनऊ, इसका सही अता-पता किसी को नहीं था।
देर शाम रात्रि आठ बजे के करीब जब तरूणमित्र टीम ने परिवहन मंत्री के फोन पर कॉल किया तो यही जवाब मिला कि बस लखनऊ कार्यक्रम में पहुंचने वाला हूं। वैसे बता दें कि पता नहीं क्या वजह है या फिर कौन सी परिस्थितियां अचानक बन जाती हैं कि इससे पहले भी जब-जब परिवहन निगम का अक्सर कोई बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम होता है, तो उपरोक्त विभागीय मंत्री निर्धारित समय से काफी देरी में ही पहुंच पाते हैं।
रोडवेज से पहले यहां कार्यक्रम तय था: दयाशंकर सिंह
परिवहन मंत्री ने बताया कि रोडवेज कार्यक्रम से पहले ही उनका उक्त कार्यक्रम तय था जिसके तहत आपातकाल (काला दिवस-25 जून 1975) की 50वीं बरसी पर टाउन हॉल देवरिया में आयोजित 'प्रदर्शनी' का दयाशंकर सिंह ने अवलोकन किया। उन्होंने टॉउन हॉल परिसर मे पेड़ भी लगाया।
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