आगरा में बनेगा अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र ,कैबिनेट बैठक से मिली मंजूरी
कैबिनेट बैठक में तीन अहम फैसलों पर लगी मुहर
- पुणे मेट्रो रेल परियोजना चरण-2 को हरी झंडी
- झरिया कोल फील्ड के लिए मास्टर प्लान
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कैबिनेट बैठक में तीन अहम फैसलों पर मुहर लगाई। आपातकाल की 50वीं बरसी के मौके पर कैबिनेट ने एक प्रस्ताव पास किया। इस प्रस्ताव में 1975 में लगे आपातकाल को लोकतंत्र की हत्या बताया गया और इसकी कड़ी निंदा की गई है। इसके साथ ही आगरा में एक अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र बनाने और पुणे मेट्रो के फेज-2 को मंजूरी दी गई। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष मिशन के सफल प्रक्षेपण का स्वागत करते हुए प्रस्ताव पारित किया।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान आपातकाल की घोषणा के 50 वर्ष पूर्ण होने पर केंद्रीय मंत्रिमंडल का प्रस्ताव पढ़ा।आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में गणतंत्र के इन सभी वीरों के अद्वितीय साहस और बलिदान के प्रति श्रद्धांजलि के लिए 2 मिनट मौन रखा गया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने पुणे मेट्रो रेल परियोजना चरण-2 को मंजूरी दी, वनज से चांदनी चौक (कॉरिडोर 2ए) और रामवाड़ी से वाघोली/विट्ठलवाड़ी (कॉरिडोर 2बी), मौजूदा पुणे मेट्रो चरण-1 (वनज-रामवाड़ी) का विस्तार है। ये दो एलिवेटेड कॉरिडोर 12.75 किलोमीटर तक फैले होंगे और इनमें 13 स्टेशन शामिल होंगे, जो चांदनी चौक, बावधन, कोथरुड, खराडी और वाघोली जैसे तेजी से विकसित हो रहे उपनगरों को जोड़ेंगे।
परियोजना को चार साल के भीतर पूरा करने की योजना है। सरकार ने झारखंड के कोयला क्षेत्र झरिया में भूमिगत आग से निपटने और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए बुधवार को 5,940 करोड़ रुपये के संशोधित झरिया मास्टर प्लान (जेएमपी) को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई। संशोधित योजना के कार्यान्वयन के लिए कुल वित्तीय परिव्यय 5,940.47 करोड़ रुपये है।संशोधित मास्टर प्लान में प्रभावित क्षेत्रों से पुनर्वासित किए जा रहे परिवारों के लिए सतत आजीविका सृजन पर विशेष बल दिया गया है। इसके तहत लक्षित कौशल विकास कार्यक्रम चलाए जाएंगे और पुनर्वास वाले परिवारों की आर्थिक आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए आय-सृजन के अवसर भी पैदा किए जाएंगे।
कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश के आगरा के सिंगना में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआईपी) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना को मंजूरी दी गई है। इसके लिए 111.5 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। मुख्य उद्देश्य खाद्य एवं पोषण सुरक्षा, किसानों की आय और रोजगार सृजन को बढ़ाना है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य है। उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस निवेश का मुख्य उद्देश्य आलू तथा शकरकंद की उत्पादकता, कटाई के बाद प्रबंधन एवं मूल्य संवर्धन में सुधार करके खाद्य तथा पोषण सुरक्षा, किसानों की आय और रोजगार सृजन को बढ़ाना है।
आलू क्षेत्र में उत्पादन, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, परिवहन, विपणन और मूल्य श्रृंखला में रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर उत्पन्न करने की क्षमता है। इसमें कहा गया, इस क्षेत्र में अपार संभावनाओं का पता लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआईपी) का दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र उत्तर प्रदेश के आगरा के सिंगना में स्थापित किया जा रहा है। भारत आलू के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है।
वैष्णव ने बताया कि क्षेत्रीय केंद्र में अनुसंधान बीज उत्पादन, कीट प्रबंधन, टिकाऊ उत्पादन और किसानों के प्रशिक्षण पर केंद्रित होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले ही अनुसंधान केंद्र के लिए 10 एकड़ जमीन आवंटित कर दी है। पेरू के लीमा स्थित मुख्यालय वाला अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआईपी) आलू, शकरकंद और एंडियनजड़ों (देशी तथा पारंपरिक जड़ वाली फसल) और कंदों के अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान केंद्रित करता है
टिप्पणियां