एक्साइज समिट: ‘अल्को टूरिज्म’ से बदलेगी आबकारी विभाग की तस्वीर!
लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आज विभाग का पहला एक्साइज समिट
रवि गुप्ता
- आबकारी मंत्री, प्रमुख सचिव, आयुक्त सहित कई राज्यों के इन्वेस्टर्स होंगे शामिल
- ट्रेडिशनल से प्रोफेशनल लिकर इंडस्ट्री बनने को एक मंच पर जुटेंगे प्रतिभागी
- यूपी में फलों से शराब निर्माण, एथेनॉल उत्पादन व डिस्टलरी यूनिटों को मिलेगी रफ्तार
लखनऊ। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिये जिस विभाग के लिये सरकार की तरफ ये सलाना तकरीबन 63 हजार करोड़ रुपये के राजस्व संकलन का टारगेट निर्धारित किया गया हो, जो बीते कोरोनाकाल में ठप पड़े आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों के लिये एक तरह से ईंधन के रूप में काम किया हो...बावजूद इसके अभी तक उसे यदि एजुकेशन, मेडिसिन, ऑटोमोबाइल, आईटी आदि सेक्टर के तौर पर एक प्रोफेशनल इंडस्ट्री का दर्जा न मिल पाया हो तो ये वाकई में हैरान करने वाली बात है।
जी हां, दरअसल यहां पर जिक्र हो रहा है यूपी के आबकारी विभाग का, जिसके साथ उपरोक्त बातों जुड़ी हुई हैं...मगर बुधवार का दिन संभवत: एक्साइजट डिपार्टमेंट के लिये सुखद अनुभव लेकर आता प्रतीत हो रहा है। ऐसा इसलिये क्योंकि इस दिवस पर यूपी आबकारी विभाग का अकेले पहली बार ‘एक्साइज समिट 2025’ राजधानी के गोमतीनगर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान सभागार में आयोजित होने जा रहा है।
विभागीय जानकार बताते हैं कि इससे पूर्व में जब यूपी इन्वेस्टर्स समिट चरणबद्ध तरीके से हुए थे तो कुछेक सेशन आबकारी विभाग के लिये दिये गये थे जोकि कोई खास परिणामदायक नहीं रहा। वहीं जब तरूणमित्र टीम ने विभाग में लम्बी सेवा दे चुके आबकारी विभाग के कुछ रिटायर्ड अधिकारियों से बात की तो उनका यही कहना रहा कि निश्चित तौर पर इतने बड़े वार्षिक राजस्व संकलनदाता वाले विभाग को लेकर यदि इस तरह से प्रदेश सरकार कोई समिट आयोजित कर रही है, तो यह एक सुखद पहल है।
जबकि विभाग में कार्यरत अधिकारियों का मानना है कि यह एक्साइज समिट कहीं न कहीं हमारे विभाग को ट्रेडिशनल पैटर्न से प्रोफेशनल इंडस्ट्री के तौर पर मार्केट में स्थापित करने में काफी मददगार साबित हो सकती है। लिकर इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का तो यहां तक कहना रहा कि जिस तरह से अब कृषि सेक्टर में एग्रो टूरिज्म, मेडिकल में मेडिकल टूरिज्म, तो उसी तरह से अब अल्कोहल इंडस्ट्री भी कहीं न कहीं ‘अल्को टूरिज्म’ की ओर बढ़ रही है।
गौर हो कि अभी हाल-फिलहाल ही यूपी राजधानी मुख्यालय से चंद किमी दूर मैंगो बेल्ट एरिया मलिहाबाद में प्रदेश का पहला फ्रूट वाईनरी स्थापित किया गया है जहां से अब बेकार पड़े आम, शहद, मिंट और अन्य लोकल फलों से निर्मित फ्रूट वाईन मार्केट में आने को तैयार हो रही है, जिसका बाजारिक रेट करीब 300 से लेकर 1200 रुपये प्रति बोतल हो सकता है।
जबकि यह भी उक्त समिट को लेकर यह भी चर्चा चल रही है कि खासकर एथेनॉल उत्पादन, नई डिस्टलरी यूनिटों के निर्माण को भी काफी रफ्तार मिलेगा क्योंकि उक्त एक्साइज समिट में करीब कुल मिलाकर 400 लोगों के शामिल होने की चर्चा हो रही है जिसमें आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल, प्रमुख सचिव बीना कुमारी मीना, आबकारी आयुक्त डॉ. आदर्श सिंह सहित अन्य कई प्रमुख व पड़ोसी राज्यों और प्रदेश की बड़ी वाइन निर्माण कंपनियों के प्रतिनिधि, ओनर्स शामिल होंगे और लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, गाजियाबाद आदि अहम जनपदों के आबकारी अधिकारियों की टीमें और उनके अधीनस्थ कर्मियों की खास ड्यूटी लगाई गई है।
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