एक्साइज समिट: मंच पर उठी ‘होम डिलेवरी’ मदिरा की डिमांड!

यूपी आबकारी विभाग के ट्रैक एंड ट्रेस को सराहा, खुलकर हुई बातें

एक्साइज समिट: मंच पर उठी ‘होम डिलेवरी’ मदिरा की डिमांड!

  • बोले नितिन अग्रवाल, समिट में 2,000 करोड़ के नए एमओयू साइन होने की संभावना 

लखनऊ। राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान मर्करी सभागार में वैसे तो पूर्व में कई इन्वेस्टर्स समिट होते आ रहे जिसमें तमाम विभागों का समन्वय होता रहा, मगर बुधवार को आयोजित हुआ इन्वेस्टर समिट कुछ खास था क्योंकि यह सूबे के सरकारी खजाने में राजस्व अंशदान करने के मामले में दूसरा सबसे बड़ा डिपार्टमेंट है यानी आबकारी विभाग। आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल की अगुवाई में पहली बार विभाग का यह अकेला इन्वेस्टर्स समिट 2025 राजधानी में हुआ जिसमें प्रमुख मदिरा निर्माण कंपनियों, डिस्टलरियों व नये एक्साइज इन्वेस्टर्स ने प्रतिभाग किया। सुबह 10 बजे आबकारी मंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर समिट का श्रीगणेश किया और बोले कि यह समिट निवेशकों को एक ऐसा मंच उपलब्ध कराती है, जहां वे राज्य में मौजूद कारोबारी संभावनाओं को समझ सकते हैं, अपने निवेश को वास्तविकता में बदल सकते हैं। 

आगे कहा कि जिन निवेशकों की परियोजनाएं धरातल पर नहीं उतर पाई हैं, उन्हें सरकार द्वारा जरूरी सुविधाएं और सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा। हमारे कुल 40 हजार करोड़ के समझौतों में 8 हजार करोड़ की परियोजनाएं शुरू हो चुकी हैं। अब शेष निवेशकों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी ताकि वह जल्द काम शुरू कर सकें। समिट समाप्त होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि कुल कितना निवेश प्रस्ताव आया, लेकिन करीब 2,000 करोड़ रुपये तक के नए एमओयू साइन होने की संभावना है। इसमें कई मजबूत निवेश प्रस्ताव सामने आयेंगे और कई नये निवेशक भी प्रतिभाग कर रहे।

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इसी क्रम में आबकारी आयुक्त डॉ. आदर्श सिंह के साथ सेशन में बातचीत के दौरान मदिरा जगत के उद्यमियों का कहना रहा कि अब डोमेस्टिक खपत-उत्पादन से आगे बढ़कर एक्सपोर्ट सिस्टम को मजबूत करना होगा। जवाब में आयुक्त बोले कि इस बार की एक्साइज पॉलिसी में ऐसे कई सकारात्मक बदलाव किये गये हैं और आगे लाये भी जायेंगे जिनसे कि यूपी आबकारी विभाग के तहत संचालित प्रदेश के लीकर इंडस्ट्री की पहुंच इंटरनेशनल मार्केट में ज्यादा होने पाये। आयुक्त ने बताया कि इसी के तहत अब फ्रूट वाइन के प्रोडक्शन के साथ ही आगे पांच साल तक इस पर कोई भी एक्साइज ड्यूटी नहीं आरोपित होगी जिससे इसके नये रेट को लेकर भी बाजारिक प्रतिस्पर्धा का अनावश्यक दबाव भी खत्म हो जायेगा और इससे जुड़े इकाईयों को राहत मिलेगी।

यूरोप तक यूपी के वाइन की पहुंच हो...!

वाइन एसो. के पदाधिकारियों का कहना रहा कि जिस तरह से महाराष्ट्र आदि राज्यों में मदिरा की होम डिलेवरी व्यवस्था है, ऐसे में यूपी में भी इसको शुरू करना चाहिये जिससे डिमांड, खपत और प्रोडक्शन तीनों बढ़ेगा। सेशन में इस पर भी चर्चा हुई कि अभी तक यूपी के शराब की डिमांड अरब व मीडिल इस्ट देशों में ज्यादा रही है, जिसे अब आगे शिफ्ट करते हुए खासकर यूरोपियन आदि देशों में भी बढ़ाने के लिये प्रयास करने चाहिये। 

वहीं कई प्रमुख आसवनी यूनिट हेड ने यूपी के आबकारी विभाग के ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम को खूब सराहा। इस दौरान भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, अन्य आबकारी अधिकारियों, राज्यभर के निवेशकों तथा उत्तर प्रदेश की प्रमुख आसवनी इकाइयों के प्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।

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