नगर निगम और जलकल विभाग में रही ताला बंदी
कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, वेतन विसंगति दूर करने की मांग
लखनऊ। उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के बैनर तले कर्मचारियों ने नगर निगम और जलकल विभाग में धरना-प्रदर्शन किया। इस मौके पर नगर निगम और जलकल विभाग में दोपहर तक काम नहीं किया गया। मौके पर कर्मचारियों ने नगर निगम मुख्यालय में ताला बंदी कर दी। कर्मचारियों ने इस दौरान जमकर नारे बाजी की है।
कर्मचारी संघ के अध्यक्ष शशि मिश्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के नगर निगमों और स्थानीय निकायों में कार्यरत कर्मचारियों ने लंबित मांगों को लेकर सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की है। अकेंद्रित सेवा नियमावली की कमी, वेतन विसंगतियों, पदोन्नति में देरी और विनियमितिकरण न होने से कर्मचारी परेशान हैं। उन्होंने कहा कि एकल सेवा नियमावली बनाकर लिपिक, राजस्व और अन्य संवर्गों में समयबद्ध पदोन्नति और वेतन विसंगतियों का समाधान हो।
लिपिक संवर्ग में कनिष्ठ सहायक (ग्रेड पे 2000), वरिष्ठ सहायक (ग्रेड पे 2800), प्रधान सहायक (ग्रेड पे 4200) जैसे पदों पर कम से कम तीन पदोन्नति सुनिश्चित की जाए। 2001 तक सेवारत दैनिक वेतन, संविदा और तदर्थ धारा-108 कर्मचारियों का विनियमितिकरण शासनादेश (24 फरवरी 2016 और 16 दिसंबर 2021) के तहत अभी तक नहीं हुआ। नगर विकास विभाग से इसे लागू करने की मांग।
टैक्स कलेक्टर, मोहर्रिर जैसे 9 कैडर का समायोजन कर राजस्व निरीक्षक श्रेणी- 2 में पदोन्नति हो। 50% पद अकेंद्रित सेवा से और 50% सीधी भर्ती से भरे जाएं। सफाई कर्मचारी, चालक, माली, लेखा, शिक्षा और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को शैक्षिक योग्यता के आधार पर तीन पदोन्नति के अवसर मिलें। कंप्यूटर ऑपरेटर संवर्ग का गठन कर उचित वेतन और पदनाम दिया जाए।
पंडित दीन दयाल उपाध्याय कैश लेस इलाज व्यवस्था निकाय कर्मचारियों पर लागू करने की मांग की गई। सभी संवर्गों के मृतक आश्रितों की शैक्षिक योग्यता के आधार पर नियुक्ति देने की मांग उठाई गई। 1990 से रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति करने, 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने का मुद्दा उठाया गया। इस मौके पर निकायों में बेहतर कार्यप्रणाली और कर्मचारियों को विधान परिषद निर्वाचन में मतदान का अधिकार मिलने,आउटसोर्सिंग कर्मचारी की भर्ती नीति, सेवा सुरक्षा और न्यूनतम वेतन की व्यवस्था देने की मांग हुई।
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