दो-चार भैंसे, गाय, बछड़े -पड़वे पकड़े...फिर ठंडे बस्ते में अभियान!

नगर निगम की किताबों में भैंस अपदूषण कारक पशु है माना गया

दो-चार भैंसे, गाय, बछड़े -पड़वे पकड़े...फिर ठंडे बस्ते में अभियान!

  • नालियों व सीवर को चोक कर रहीं अवैध डेयरियां, दो गाये पालने की अनुमति
  • राजाजीपुरम व कैंपबेल रोड पर 11 भैंसें और 3 गाय-बछड़े पकड़े गए

लखनऊ। नगर निगम के नियमों के अनुसार शहर के अंदर डेरी चलाने की अनुमति नहीं है। शहरी क्षेत्रों में सिर्फ दो गायों को पालने की ही अनुमति मिलती है और वो भी लाइसेंस के साथ। इसके अलावा भैंसों को अपदूषण कारक पशु माना गया है, इसलिए नगर निगम के अधिनियम 1959 के तहत शहर में भैंस पालने की इजाजत नहीं दी जाती। फिर भी राजधानी की सीमा के अंदर, खाली प्लाटों में अवैध डेयरियों का मकड़जाल फैला हुआ है। 

वैसे बता दें कि केवल इन कुछ ही क्षेत्रों और आवासीय कॉलोनियों के पास ही ऐसे अवैध डेयरियों का रेला नहीं बसा है, बल्कि इंदिरानगर तकरोही क्षेत्र, चिनहट, देवां रोड, जानकीपुरम विस्तार, मड़ियांव, बालागंज में बसंतकुंज के सेक्टर एन और हरिनगर, फैजुल्लागंज फेज एक और फेज दो ,दुबग्गा इलाके ऐसे है जहां आज भी अवैध डेयरियां संचालित है।

दरअसल,नगर निगम ने राजाजीपुरम और कैंपबेल रोड इलाके में नगर निगम ने गुरुवार को अवैध डेरियों के खिलाफ कार्रवाई की। और लोगों को अवैध डेयरियों के नियम भी समझाये, लेकिन शायद यह नियम नगर निगम की किताबो तक ही सीमित रहते है। ऐसे नियम और कानून किताबों से निकलकर तब ही बाहर आते हैं जब किसी उच्च अधिकारी से इसकी शिकायत की जाए। हालांकि सूत्रों का भी यही कहना है कि राजाजीपुरम और कैम्पवेल रोड की डेयरियों पर भी कार्रवाई शिकायत के बाद की गई है। वहीं राजधानी में विभिन्न जगह पर विभिन्न डेयरियां संचालित है। 

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हालांकि इस कार्रवाई पर नगर निगम का कहना है कि यह डेरियां लगातार गोबर को नालियों में बहा रही थीं और इलाके में गंदगी फैला रही थीं, जिससे नालियां जाम हो रही थीं और लोगों को आवाजाही में दिक्कत हो रही थी। इस अभियान में मौके से 11 भैंसें, 2 गायें और 1 पड़वा बरामद किए गए। सभी जानवरों को ठाकुरगंज स्थित कांजी हाउस में भेजा गया है। नगर निगम ने साफ किया है कि ये जानवर तभी छोड़े जाएंगे जब मालिक नियमानुसार जुर्माना भरेंगे।

निर्देश जारी कर दिये, साहब से कल बात होगी...!
वहीं उक्त मुद्दे पर अपर नगर आयुक्त अरविंद राव से तरूणमित्र टीम ने बात की तो उनका कहना रहा कि अभियान चलाने के निर्देश हमारे स्तर से जारी कर दिये गये हैं, बाकी जानकारी संबंधित अधिकारियों से लिजिये। जबकि राजधानी लखनऊ के लिये नारकीय मुसीबत बन चुके इस जनसमस्या पर जब तरूणमित्र संवाददाता ने नवागत नगर आयुक्त के सीयूजी नंबर पर कॉल की तो कई रिंग के बाद उनके स्टॉफ ने उठाया और कहा कि अभी साहब मीटिंग में हैं, कल बात हो सकती है और फिर स्वयं ही उनके स्थान पर जनसमस्या पूछने लगे और कार्रवाई की बातें करने लगे। 

वैसे बता दें कि अभी कुछ दिन पूर्व रूटीन मीटिंग के दौरान कुछ पार्षदगणों ने भी नवागत नगर आयुक्त के समक्ष यह कहा था कि आपका तो साहब फोन ही नहीं उठता तो उस दौरान यही बोले थे कि कोई बात नहीं, आप लोगों को अपना व्यक्तिगत नंबर दे देंगे, अब ऐसे में मीडिया कर्मी इनसे नगर निगम सीमा क्षेत्र में होने वाली जनसमस्या पर कैसे बात करें, यह अजीबगरीब स्थिति बनती जा रही है।

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