लविवि न्यू कैम्पस की कैंटीन में एफएसडीए का छापा

कैंटीन में बिना लाइसेंस बन रहा है खाना

लविवि न्यू कैम्पस की कैंटीन में एफएसडीए का छापा

  • आलमबाग की फैक्ट्री में बेसन-बूंदी सड़े मिले; 65 हजार का माल सील

लखनऊ। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने शनिवार को लखनऊ विश्वविद्यालय की कैंटीन पर बड़ी कार्रवाई की। यूनिवर्सिटी के सुभाष छात्रावास और न्यू कैंपस जानकीपुरम के डॉ. बीआर अंबेडकर विधि महिला छात्रावास की कैंटीन पर छापा मारा। मीडिया और सोशल मीडिया पर मिली शिकायतों के बाद सहायक आयुक्त (खाद्य) विजय प्रताप सिंह के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम ने कैंटीनों का निरीक्षण किया। इस दौरान दोनों जगहों से सैंपल कलेक्ट किया। वहीं, आलमबाग की एक फैक्ट्री में बूंदी-बेसन सड़ा मिला। वहां से करीब 65 हजार रुपए का सड़ा माल बरामद किया गया।

सुभाष छात्रावास कैंटीन में खाद्य कारोबारी जितेंद्र सिंह बिना लाइसेंस के संचालन करते मिले। मौके पर सरसों का तेल, बेसन, तैयार दाल और धनिया पाउडर के नमूने जांच के लिए लिए गए। वहीं, जानकीपुरम परिसर में भी रिफाइंड सोयाबीन तेल और हल्दी पाउडर के नमूने एकत्र किए गए। दोनों जगह बिना लाइसेंस के खाद्य कारोबार बंद करने के निर्देश दिए गए। कार्रवाई में खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय कुमार सिंह, अवनीश कुमार सिंह, राकेश कुमार और पल्लवी यादव मौजूद रहे।

विश्वविद्यालय प्रशासन से प्रो. नीरज मिश्रा और प्रो. एसपी कनौजिया ने भी निरीक्षण में सहयोग किया। इसी क्रम में खाद्य सुरक्षा विभाग की एक अन्य टीम ने आलमबाग थाना क्षेत्र के कैलासपुरी स्थित सोनू शर्मा बूंदी ट्रेडर पर छापा मारा। यहां भी बिना लाइसेंस के कारोबार हो रहा था। निरीक्षण के दौरान घुनी हुई चने की दाल से बेसन पीसकर बूंदी बनाई जा रही थी। मौके से बूंदी, बेसन, दाल, रिफाइंड तेल और मैदा सहित कुल 6 खाद्य पदार्थों के नमूने जांच के लिए भेजे गए। जनहित में 590 किलो खाद्य सामग्री सील कर दी गई जिसकी कीमत करीब 64,984 रुपए आंकी गई।

जब्त सामग्री में 2 क्विंटल बूंदी (28,000 रुपए), 118 किलो दाल (9,440 रुपए), 2 क्विंटल बेसन (18,000 रुपए), 60 लीटर रिफाइंड तेल (9,180 रुपए) और 15 किलो मैदा (364 रुपए) शामिल हैं। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी जेपी सिंह के नेतृत्व में रत्नाकर पांडेय, कमल कुमार, हेमंत कुमार, देवेश सिंह और सत्यवीर सिंह ने कार्रवाई को अंजाम दिया। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि नमूनों की जांच रिपोर्ट आने के बाद संबंधित खाद्य कारोबारियों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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