बुद्धेश्वर मंदिर के तालाब में मरी मिलीं कई क्विंटल मछलियां!
मौके पर तीन जहर की शीशियां मिली, मृत मछली खाने पर कुत्ते की भी मौत
- घंटों बाद पहुंची नगर निगम टीम, स्थानीय जनों ने तालाब से निकाली मछलियां
- मत्स्य पालन मंत्री मीटिंग में व्यस्त, पर्यटन मंत्री का मोबाइल नंबर बंद
लखनऊ। पारा थाना क्षेत्र स्थित बुद्धेश्वर मंदिर के तालाब में अज्ञात लोगों ने जहर डाल दिया। इससे तालाब की मछलियां मर गईं। कई क्विंटल मरी हुईं मछलियों को तालाब से बाहर निकाला गया। उन्हें खाने से एक कुत्ता भी मर गया। तालाब के पास से जहर की तीन शीशियां मिलीं। लोगों ने कहा कि मंगलवार शाम को तालाब में अचानक मछलियां मरने लगीं। इसकी सूचना क्षेत्र में फैल गई। लोग मौके पर जुट गए। कुछ युवकों ने तालाब में उतरकर देखा, तो मछलियां मर गई थीं। इसकी सूचना पुलिस और नगर निगम को दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन नगर निगम की टीम नहीं आई।
रात में लोगों ने तालाब से मरी हुईं मछलियों को बाहर निकालकर किनारे रख दिया। आज यानी, बुधवार सुबह उन मछलियों को खाने से एक कुत्ता भी मर गया। इस पर मरी हुईं मछलियों को गड्ढा खोदकर मिट्टी के नीचे दबाया गया। दोपहर तक भी नगर निगम की टीम मौके पर नहीं पहुंची। लोगों ने तालाब में बची हुईं मछलियों को बाहर निकाला। जीवित मछलियों को पानी से भरे ड्रम में रख दिया। घंटों बाद पहुंची नगर निगम टीम ने जीवित मछलियों को दूसरे तालाब में शिफ्ट करने की बात की। इस पर लोग भड़क गए। लोगों ने कहा कि तालाब का पानी साफ करके मछलियों को यहीं पर रखा जाए। घटना से नाराज लोगों ने हंगामा किया।
मौके पर पहुंची पुलिस ने उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर उन्हें शांत किया। जहर की शीशियों को कब्जे में लेकर जांच के लिए भेजा। तब लोग शांत हुए। बुद्धेश्वर में दो से ढाई बीघे में तालाब बना है। इसमें मछलियां पाली गई हैं। लोग उन्हें चारा डालते हैं। सावन माह के हर बुधवार को यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यहां पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। सुरक्षा के इंतजाम भी नहीं हैं। 15-15 दिनों तक यहां सफाई होती है। नशेड़ियों का जमावाड़ा रहता है। प्रशासन को यहां सुरक्षा और सफाई-व्यवस्था सही कराना चाहिए।
मौके पर मौजूद फेयरी टेल्स फाउंडेशन की अध्यक्ष नेहा ने बताया कि किसी ने तालाब में जहर डाल दिया। रातभर में तड़प-तड़पकर मछलियां मर गईं। मछलियों को जहर देकर मारा जाना बेहद शर्मनाक घटना है। तालाब में कोई व्यक्ति जहर डालकर चला गया और किसी ने देखा तक नहीं। इससे सुरक्षा-व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
नेहा ने बताया कि घटना की जानकारी पुलिस को भी दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की है। तालाब में जहर डालने वाले के बारे में जानकारी जुटा रही है। उन्होंने कहा कि घटना की सूचना देने के 15 घंटे बाद नगर निगम की टीम पहुंची। यह घोर लापरवाही है। वहीं उपरोक्त घटनाक्रम को लेकर जब तरूणमित्र टीम ने प्रदेश के मत्स्य पालन कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के नंबर पर कॉल किया तो उनके ओएसडी ने उठाया और बोले कि मंत्री जी मीटिंग में व्यस्त हैं, वहीं इसी क्रम में जब धार्मिक पर्यटन संरक्षण अभियान के तहत प्रदेश के पर्यटन व संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह के मोबाइल नंबर पर कॉल किया गया तो वो बंद रहा।
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