ऑपरेशन कन्विक्शन ने 97 हजार अपराधियों को दिलायी सजा

69,422 मामलों में अपराधियों को कोर्ट ने सुनायी सजा, 68 अपराधियों को हुई मृत्युदंड की सजा

ऑपरेशन कन्विक्शन ने 97 हजार अपराधियों को दिलायी सजा

लखनऊ। राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को नया मुकाम दिया है। सरकार की पुलिस अब केवल अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अभियोजन और न्यायालयों के माध्यम से भी अपराधियों को कड़ी सजा दिलाई जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कानून व्यवस्था की मॉनिटरिंग करते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी अपराधी प्रदेश में अपराध कर खुला घूम न सके। इसे योगी सरकार के ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान ने नई धार दी है। योगी सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत एक जुलाई 2023 से 15 जून-2025 की अवधि में 97,158 दोषियों को विभिन्न श्रेणियों में सजा दिला दिलायी है।

74 हजार से अधिक मामलों का निपटारा
एडीजी अभियोजन दीपेश जुनेजा ने मंगलवार को बताया कि सरकार के निर्देश पर अपराधियों को न्यायालय में प्रभावी पैरवी कर सजा दिलाने के लिए एक जुलाई-2023 को ऑपरेशन कन्विक्शन का शुभारंभ किया गया। इस दौरान 15 जून-2025 तक 1,14,029 चिन्हित वादों में से 74,388 वादों का निपटारा किया गया। इसमें 69,422 मामलों में अभियोजन सिद्ध हुआ और 97,158 अभियुक्तों को सजा दिलायी गयी। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि पुलिस की कार्रवाई अपराधियों के खिलाफ सिर्फ फाइलों तक सीमित नहीं रही, बल्कि अदालतों तक पहुंचकर सख्त सजा दिलवाने में भी प्रशासन सफल रहा है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत 68 अपराधियों को मृत्युदंड, 8,172 को आजीवन कारावास, 1,453 को 20 वर्ष से अधिक की सजा और 87,465 अपराधियों को 20 वर्ष से कम की सजा सुनाई गई। इससे यह स्पष्ट होता है कि योगी सरकार ने गंभीर अपराधों में त्वरित व प्रभावी न्याय सुनिश्चित किया गया है।

टॉप 10 अपराधियों में से 395 को मिली सजा
एडीजी ने बताया कि ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत चिन्हित टॉप 10 दुर्दांत अपराधियों के 272 मुकदमों में 395 अभियुक्तों को सजा दिलाई गई। वहीं योगी सरकार की माफिया विरोधी नीति के तहत चिन्हित 69 माफियाओं में से 29 को सजा दिलाना प्रशासन की बड़ी सफलता है। यह दर्शाता है कि योगी सरकार का उद्देश्य केवल छोटे अपराधियों पर कार्रवाई करना नहीं, बल्कि संगठित अपराध को जड़ से समाप्त करना है।

उन्होंने बताया कि पॉक्सो एक्ट के तहत 17 अभियुक्तों को मृत्युदंड दिलायी गयी है। इसमें एक माह में तीन अभियुक्तों को मृत्युदंड की सजा भी शामिल है। इसके अलावा पॉक्सो एक्ट के तहत ही 619 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा हुई। यही नहीं गंभीर अपराधों में प्रभावी पैरवी के जरिए 68 अभियुक्तों को मृत्युदंड की सजा दिलाई गई, जिनमें से 48 गंभीर अपराधों, 17 पॉक्सो एक्ट के मामले और 3 एसीएल के मामले शामिल हैं। अभियान के तहत प्रति कार्य दिवस औसतन 143 चिन्हित मामलों का निस्तारण किया गया है और 187 अपराधियों को सजा दिलायी गई है।

 

 

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