ओलंपिक 2036 की तैयारी की दिशा में बड़ा कदम: राष्ट्रीय खेल नीति-2025 को मंजूरी
भारत को खेल महाशक्ति बनाना लक्ष्य
- प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित हुई कैबिनेट की बैठक
- अनुसंधान विकास और नवाचार योजना को मिली हरी झंडी
- प्रोत्साहन योजना के तहत दो साल में 3.5 करोड़ रोजगार सृजन का लक्ष्य
नई दिल्ली। केंद्र सरकार नई राष्ट्रीय खेल नीति 2025 (एनएसपी-2025) लाई है जिसका उद्देश्य भारत को वैश्विक खेल महाशक्ति बनाना है। एनएसपी-2025 वर्ष 2001 की राष्ट्रीय खेल नीति का स्थान लेगी। इसका लक्ष्य नागरिकों को खेलों के माध्यम से सशक्त बनाना और भारत को 2036 ओलंपिक सहित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन और आयोजन के लिए तैयार करना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में राष्ट्रीय खेल नीति-2025 को मंजूरी दी गई। सरकार का कहना है कि नीति व्यापक परामर्श के बाद तैयार की गई है, जिसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकारें, नीति आयोग, खेल संघ, खिलाड़ी और विशेषज्ञ शामिल रहे। नीति पांच प्रमुख स्तंभों पर आधारित है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय खेल नीति-2025 के सफल क्रियान्वयन के लिए एक ठोस रणनीतिक ढांचा तैयार किया गया है। इसमें सशक्त खेल प्रशासन के तहत खेलों के लिए मजबूत कानूनी और नियामक ढांचा विकसित करने की योजना है। निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करते हुए पीपीपी मॉडल और कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के माध्यम से वित्तीय सहयोग और समर्थन प्राप्त किया जाएगा। उन्होंने बताया कि तकनीकी नवाचार जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स और अनुसंधान के जरिए खिलाड़ियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन और योजनाओं की निगरानी की जाएगी। नीति में एक राष्ट्रीय निगरानी ढांचा भी प्रस्तावित है, जिसमें स्पष्ट प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (केपीआई), लक्ष्य और समयबद्ध योजनाएं शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस नीति के अनुरूप अपनी राज्य स्तरीय खेल नीतियां बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। खेलों के समग्र विकास के लिए एक समेकित सरकारी दृष्टिकोण अपनाया जाएगा, जिसमें सभी मंत्रालयों और विभागों की योजनाओं में खेलों का एकीकृत समावेश सुनिश्चित किया जाएगा। राष्ट्रीय खेल नीति 2025 पांच प्रमुख स्तंभों पर आधारित है- वैश्विक मंच पर उत्कृष्टता, आर्थिक विकास, सामाजिक समावेशन, जनभागीदारी और शिक्षा से एकीकरण। इसका उद्देश्य ग्रामीण से शहरी स्तर तक खेलों का विकास, खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण, खेलों को उद्योग से जोड़ना, पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करना और फिटनेस अभियान से जनआंदोलन खड़ा करना है। नीति में स्कूल शिक्षा में खेल समावेश, शिक्षकों का प्रशिक्षण और दोहरी करियर योजनाएं शामिल हैं।
सफल क्रियान्वयन के लिए सशक्त प्रशासन, निजी भागीदारी, तकनीकी नवाचार, निगरानी तंत्र, राज्यों के लिए मॉडल नीति और सभी विभागों में खेलों का समावेश सुनिश्चित किया गया है। केंद्रीय कैबिनेट ने मंगलवार को देश के अनुसंधान और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के उद्देश्य से एक लाख करोड़ रुपये के कोष के साथ अनुसंधान विकास एवं नवाचार (आरडीआई) योजना को मंजूरी प्रदान की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस आशय से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी। अनुसंधान विकास और नवाचार (आरडीआई) योजना का उद्देश्य निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने के लिए कम या शून्य ब्याज दरों पर लंबी अवधि के लिए वित्तपोषण प्रदान करना है। इस योजना को निजी क्षेत्र में वित्तपोषण में बाधाओं और चुनौतियों को दूर करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसका उद्देश्य नवोन्मेष को सुविधाजनक बनाने, प्रौद्योगिकी को अपनाने को बढ़ावा देने और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए उभरते और रणनीतिक क्षेत्रों के विकास के लिए पूंजी प्रदान करना है।
केंद्र सरकार ने रोजगार सृजन, कौशल विकास और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना को मंजूरी दी है। योजना का विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। इसके अंतर्गत नियोक्ताओं और पहली बार नौकरी करने वालों को वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा। योजना का लक्ष्य अगले दो वर्षों में देश में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के सृजन को प्रोत्साहित करना है। इसके लिए 99,446 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
योजना से जुड़ा लाभ 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 के बीच सृजित नौकरियों पर मिलेगा। पहली बार नौकरी पाने वाले कर्मचारियों को एक महीने के ईपीएफ वेतन के बराबर अधिकतम 15,000 रुपये दो किस्तों में प्रोत्साहन के तौर पर दिए जाएंगे। पहली किस्त छह महीने की सेवा के बाद और दूसरी किस्त बारह महीने की सेवा के बाद दी जाएगी। योजना से लगभग 1.92 करोड़ पहली बार नौकरी करने वाले लाभान्वित होंगे। वहीं नियोक्ताओं को उन कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन मिलेगा जिनकी मासिक वेतन 1 लाख रुपये तक है। प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए (कम से कम छह महीने तक कार्यरत) दो वर्षों तक प्रति माह 3 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी। विनिर्माण क्षेत्र में यह प्रोत्साहन तीसरे और चौथे वर्ष तक भी जारी रहेगा।
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