श्री राम कथा के पांचवें दिन हुआ श्रीराम के वनवास कथा का वर्णन

ग्राम मिरगहनी में चल रही संगीतमयी श्रीराम कथा

श्री राम कथा के पांचवें दिन हुआ श्रीराम के वनवास कथा का वर्णन

तिंदवारी (बांदा)। तिंदवारी क्षेत्र के ग्राम मिरगहनी में सिद्ध पीठ श्री 1008 श्री वंशदास बाबा महाराज के प्रांगण में आयोजित 9 दिवसीय संगीतमयी दिव्य श्री राम कथा के पांचवें दिन रविवार को प्रभु श्री राम के वनवास कथा का वर्णन हुआ। जहां श्री राम के राज तिलक से वनवास तक की कथा सुनायी सुनाई गई।

कुरसेजा धाम से आए कथा व्यास लोकेंद्र दास जी महाराज ने कहा कि प्रभु श्री राम दशरथ के चार पुत्र में सबसे बड़े पुत्र थे। श्री राम अपने पिता की हर बातों का पालन करते थे। चारों भाइयों में सबसे बड़े होने के नाते राम को राजपाठ का भी बहुत ज्ञान था। हर समय अपने पिता दशरथ का हाथ बंटाते थे। जैसे-जैसे प्रभु राम बड़े हुए तो दशरथ के मन में एक ही बात थी, कि मैं अपने जीते-जीते राम को आयोध्या का राजा बना कर राज तिलक कर दूं। राजा दशरथ ने अपने राज्य में युवराज राम को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया।

पूरी आयोध्या नगरी प्रभु श्री राम के राज तिलक को उतावली थी। इसी बीच माता कैकई ने राजा दशरथ से वरदान मांगते हुए श्रीराम को वनवास भेजने व भरत का राज तिलक करने की बात कही। जैसे ही राजा महल से निकल दरबार में आए तो उन्होंने राज तिलक के स्थान पर प्रभु श्रीराम को 14 वर्ष का वनवास दे दिया। स्वामी लोकेंद्र दास महाराज जी ने कहा कि श्री राम बिना कुछ सवाल किए अपने पिता राजा दशरथ की बातों को सुन वनवास के लिए जाने लगे। इसी बीच माता सीता और भाई लक्ष्मण भी उनके साथ वनवास के लिए निकल गए। अपने युवराज को वनवास जाता देख पूरी अयोध्या उनके साथ वन में जाने को तैयार थी, लेकिन श्री राम ने अपने पिता के वचन का मान रखते हुए सभी को समझाया और वचन पालन के लिए 14 वर्ष के वनवास के लिए निकल पड़े।

स्वामी लोकेंद्र दास जी ने कहा कि आज के युवाओं को भी प्रभु श्री राम की कथा से प्रेरणा लेते हुए माता पिता की आज्ञा का पालन करने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि कलयुग के बच्चे माता पिता की बातों को सुनना तो दूर उन्हें ही वनवास (वृद्धाश्रम) भेज रहे हैं। उन्होंने सभी युवाओं से अपने माता पिता का सम्मान करने की बात की। इस अवसर पर नागा स्वामी जितेंद्र भारती, स्वामी वंशीदास महाराज,भाजपा नेता आनंद स्वरूप द्विवेदी, सभासद दीपू सोनी,शुभम द्विवेदी, प्रमोद त्रिपाठी सहित वंशदास बाबा सेवा समिति के सदस्य और बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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