देश क्या चाहता है हमें मालूम है, इंतजार करिये: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

देश क्या चाहता है हमें मालूम है, इंतजार करिये: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्री के तौर पर मेरी जिम्मेदारी सशस्त्र बलों के साथ काम करना और भारत पर बुरी नजर रखने वालों को मुंहतोड़ जवाब देना है। उनकी यह टिप्पणी हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की पृष्ठभूमि में आई है। इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी की कार्यशैली को लेकर कहा कि आप हमारे प्रधानमंत्री को बहुत अच्छी तरह से जानते हैं, उनकी कार्यशैली और दृढ़ संकल्प से परिचित हैं।
 
संस्कृति जागरण महोत्सव को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'राजनीति' शब्द दो शब्दों 'राज' और 'नीति' से मिलकर बना है... लेकिन विडंबना यह है कि राजनीति शब्द अपना अर्थ खो चुका है। मुझे पूज्य संतों का आशीर्वाद चाहिए... मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए ताकि हम इसे भारत की राजनीति में पुनः स्थापित कर सकें।
 
'देश पर हमला करने की हिम्मत करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देना मेरी जिम्मेदारी'
राजनाथ सिंह ने कहा, एक राष्ट्र के रूप में हमारे वीर सैनिकों ने हमेशा भारत के भौतिक स्वरूप की रक्षा की है, जबकि दूसरी ओर हमारे ऋषियों और मनीषियों ने भारत के आध्यात्मिक स्वरूप की रक्षा की है। एक ओर जहां हमारे सैनिक रणभूमि पर लड़ते हैं, वहीं दूसरी ओर हमारे संत जीवनभूमि पर लड़ते हैं। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री के तौर पर यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं अपने सैनिकों के साथ मिलकर काम करूं और देश की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करूं।  यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं सशस्त्र बलों के साथ मिलकर उन लोगों को मुंहतोड़ जवाब दूं जो हमारे देश पर बुरी नजर रखते हैं।
 
'प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आप जो चाहते हैं, वह अवश्य होगा'
राजनाथ सिंह ने कहा कि लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अच्छी तरह से जानते हैं और उनकी कार्यशैली, उनके दृढ़ संकल्प को भी। जिस तरह से उन्होंने अपने जीवन में "जोखिम उठाना" सीखा है, आप उससे भली-भांति परिचित हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आप जो चाहते हैं, वह निश्चित रूप से होगा। 
 
उन्होंने कहा, आप सब तो जानते ही हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य हम समस्त देशवासियों के समक्ष रखा है। स्वाभाविक है यह लक्ष्य कोई छोटा लक्ष्य नहीं है,  लेकिन आप स्वस्थ रहिये। ये लक्ष्य पूरा होकर रहेगा क्योंकि इस सच्चाई को आप सभी स्वीकार करेंगे कि दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है।

 

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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