प्रमुख उच्च शिक्षा सचिव का वेतन रोका तो कर्मचारियों को मिली 20 महीने से रुकी तनख्वाह
जयपुर। राज्य सरकार के अधीन आए निजी कॉलेज कर्मचारियों को वेतन नहीं देने से जुडे मामले में हाईकोर्ट की ओर से प्रमुख उच्च शिक्षा सचिव का वेतन रोकने के आदेश के बाद आखिरकार याचिकाकर्ता 10 कर्मचारियों को उनका बीस महीने से रुका वेतन मिल गया। अदालती आदेश के पालन में प्रमुख उच्च शिक्षा सचिव सुबीर कुमार वीसी के जरिए हाईकोर्ट के जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ के समक्ष वीसी से पेश हुए। उन्होंने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता कर्मचारियों को वेतन भुगतान कर दिया है। इस पर अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि जब तक राज्य सरकार के अफसरों को नहीं बुलाते तब तक कोई कार्रवाई नहीं होती है। यदि आपका वेतन नहीं रोकते तो याचिकर्ताओं को भी उनका बकाया वेतन नहीं मिलता। यह रवैया सरकारी अफसरोंं की कार्यशैली को बताता है। अदालत ने जब उनसे पूछा कि एक साल से कर्मचारियों का वेतन मामला क्यों लंबित रखा गया तो प्रमुख उच्च शिक्षा सचिव ने कहा कि उन्होंने तो एक महीने पहले ही कार्य ग्रहण किया है और आगे से इस संबंध में ध्यान रखा जाएगा। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि अदालत ने पिछली सुनवाई पर डॉ. संजय कुमार यादव व अन्य की याचिका पर निर्देश दिया था कि यदि याचिकाकर्ताओं का बकाया वेतन नहीं दिया जाता तो प्रमुख उच्च शिक्षा सचिव का भी आगामी महीने का वेतन रोका जाए। इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख उच्च शिक्षा सचिव को तलब किया था।
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