अनुप्रिया पटेल के खिलाफ घर में खुला मोर्चा, नये दल का गठन

अनुप्रिया पटेल ने बिरादरी से विश्वासघात किया, अब कार्यकर्ता दल चलाएंगे

अनुप्रिया पटेल के खिलाफ घर में खुला मोर्चा, नये दल का गठन

-10 साल तक कन्धों पर ढोकर हम उन्हें सत्ता के दरवाजे तक लाये -पति- पत्नी कार्य कर्ताओं को अपमानित कर रहे - कुर्मी लीडर शिप की जगह डीलरशिप पर आमादा हैं पति-पत्नी - दल के 9 मौजूदा विधायक हमारे साथ और वक्त की प्रतीक्षा है - अपना दल (एस) के संथापकों का मोर्चा - 10 वर्षों में दल छोड़ने वाले कार्यकर्ताओं की एकजुटता का अभियान - फिलहाल मोर्चा एनडीए का सदस्य, मगर पुनर्विचार भी होगा - दल के कोटे की सीटें भाजपा से  मांगने पर भी होगा विचार  - कुर्मी वोटरों के बीच होगी सवाल पूछो- सच जानो यात्रा- 

 लखनऊ में एक जुलाई 2025 को 'अपना मोर्चा' के संयोजक और सदस्य मीडिया से मुखातिब हुए. संयोजक चौधरी ब्रजेंद्र प्रताप सिंह पटेल ने कहा कि हम यहाँ जो भी कह रहे हैं, वह मोर्चा का समवेत स्वर है.हम आज अधिकृत रूप से सूचित कर रहे हैं कि लम्बे विमर्श के बाद 'अपना मोर्चा' का गठन किया गया है. मोर्चा ही अब अपना दल सोनेलाल के कार्यकर्ताओं की अधिकृत आवाज माना जाए. अब तक हम जिन्हें कमेरा समाज का भरोसेमन्द चेहरा समझ रहे थे, वो श्रीमती अनुप्रिया सिंह पटेल परिवार वादी और उससे कहीं आगे जाकर सिर्फ पति वादी साबित हुई हैं. उनका झूठ कार्यकर्ता जान चुके हैं. मगर अफसोस कि यह सच्चाई साबित होने और समाज तक आने में 10वर्ष लग गए.केंद्र सरकार की राज्य मन्त्री अनुप्रिया पटेल की अपमानित करने वाली हरकतों से आजिज कार्यकर्ता अब खुद दल की कमान सम्भालेंगे. दल के 9 मौजूदा विधायक हमारे और हम उनके सम्पर्क में हैं. हम दिल्ली की तरफ देख रहे हैं, जल्द ही हम किसी ठोस नतीजे पर पहुँच जायेंगे. मोर्चा इस बात पर भी मन्थन करेगा कि एनडीए से मिलने वाली  विधान सभा- लोकसभा की सीटों पर हम दावा करें या नहीं? दल के विधायक भी बेचैन हैं और कार्यकर्ता भी. दल को मिया-बीवी प्राइवेट लिमिटेड बना दिये जाने से हजारों कार्यकर्ता और कुर्मी समाज के लोग निराश हैं. सत्ताधारी दल में भगदड़ मची है. मोर्चा इस बिखराव को रोकना और समाज के लोगों के सामने सच लाना अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझता है.हम बिरादरी के बीच जाकर 10 साल का सच लोगों को बतायेंगे. अपील करेंगे कि समाज उनसे और हमसे सवाल करे, हम जवाब देंगे. फिर जो  फैसला बिरादरी का होगा, वो सिर माथे पर रखेंगे. बिरादरी से हमारा मतलब किसान- कुर्मी- कमेरा समाज से है, जिसकी लड़ाई 25 साल पहले हमारे बुजुर्गों ने राजनीतिक दल बनाकर शुरू की थी. अब नई पीढी है, हम उनके बीच जायेंगे. हम उनको बतायेंगे जाकर कि 10 साल जिन्हे अपने कन्धों पर लादकर सत्ता के सिंहासन पर लाये, वो कमजोर और लालची हैं. अपना दल  सोनेलाल की स्थापना करने वाले बहुसंख्य नेता और जिलों- गांवों के मिशनरी कार्यकर्ता अब 'अपना मोर्चा' के साथ हैं. दो दिन के बाद हम शेष लोगों को भी साथ आने की अपील करेंगे.मोर्चा मांग करता है कि अब भारतीय जनता पार्टी की लीडरशिप इस बात का सर्वे कराये कि किसान- कुर्मी- कमेरा मतदाता किसके साथ है? उत्तर प्रदेश का कुर्मी- किसान- कमेरा समाज एक बार उत्तर प्रदेश की सत्ता में अपने बीच के आदमी को मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहता है. अपना मोर्चा हर संभव कोशिश करेगा कि भारत रत्न लौह पुरुष  सरदार वल्लभ भाई पटेल का कोई बेटा- बेटी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन हो सके. वर्ष 1989 में मण्डल आयोग की सिफारिश लागू होने के बाद से अब तक अधिकांश बड़ी आबादी वाली जातियों के लोग उस कुर्सी पर बैठ चुके हैं और हमने हमेशा उन्हें आगे  बढ़ाया है. अब हमारी बारी है, भाजपा की लीडर शिप से अनुरोध है कि वे स्वयं भी अपना कोई कुर्मी कुल का कार्यकर्ता इस पात्रता के लिए तैयार करें तो मोर्चा  उनका सहज आभारी होगा.मोर्चा उत्तर प्रदेश में समाज के बीच जाएगा और नए लोगों से अपील करेगा कि वे राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाएं.

Tags:  

About The Author

अपनी टिप्पणियां पोस्ट करें

टिप्पणियां

Latest News

स्टॉक मार्केट में प्रीमियम लिस्टिंग के बाद सनटेक इंफ्रा को लगा झटका स्टॉक मार्केट में प्रीमियम लिस्टिंग के बाद सनटेक इंफ्रा को लगा झटका
नई दिल्ली। सिविल कंस्ट्रक्शन सेक्टर की कंपनी सनटेक इंफ्रा सॉल्यूशंस के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में जबरदस्त एंट्री की।...
स्टॉक मार्केट में सुपरटेक ईवी की फीकी एंट्री
मजबूत लिस्टिंग के बाद रामा टेलीकॉम के शेयरों पर लगा लोअर सर्किट
स्टॉक मार्केट में एचडीबी फाइनेंशियल की शानदार शुरुआत, मुनाफे में आईपीओ निवेशक
सर्राफा बाजार में लौटी तेजी, सोना और चांदी की बढ़ी चमक
शुरुआती कारोबार में शेयर बाजार में दबाव, सपाट स्तर पर सेंसेक्स और निफ्टी
ग्लोबल मार्केट से मिले-जुले संकेत, एशिया में भी मिला-जुला कारोबार