नदी-नालों का जलस्तर बढ़ा, 204 सड़कें ठप, अब तक 85 की मौत, अलर्ट जारी

नदी-नालों का जलस्तर बढ़ा, 204 सड़कें ठप, अब तक 85 की मौत, अलर्ट जारी

शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून का दौर लगातार जारी है जिससे सामान्य जनजीवन पर असर पड़ा है। राजधानी शिमला सहित राज्य के अधिकांश हिस्सों में बीती रात से रुक-रुक कर वर्षा हो रही है। सबसे अधिक प्रभावित सिरमौर जिले में गिरी नदी उफान पर है और त्रिलोकपुर के खेरी पुल पर एक खड्ड (उपनदी) का पानी पुल से ऊपर बहने लगा। इससे वाहनों की आवाजाही बाधित हुई। सिरमौर के गिरी जटोन डैम से बीती रात के बाद आज सुबह भी पानी छोड़ा गया। इससे जिले के नदी-नालों का जलस्तर और बढ़ गया है। जिला प्रशासन ने मैदानी इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया है। देर रात जिले के कई इलाकों में भारी बारिश के चलते लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

204 सड़कें और सैकड़ों पेयजल योजनाएं बंद
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार गुरुवार सुबह तक प्रदेश भर में भूस्खलन और भारी बारिश के कारण एक नेशनल हाईवे सहित 204 सड़कें बंद हो चुकी हैं। 192 बिजली ट्रांसफार्मर और 740 पेयजल योजनाएं भी ठप पड़ी हैं। सबसे ज्यादा असर मंडी जिले में देखने को मिल रहा है, जहां 30 जून की रात बादल फटने के बाद से हालात सामान्य नहीं हो सके हैं। मंडी में अब भी 138 सड़कें, 124 ट्रांसफार्मर और 137 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं, जबकि नेशनल हाईवे-3 भी अवरुद्ध है। सिरमौर के जिला मुख्यालय नाहन में भारी वर्षा से 38 सड़कें बंद हैं जबकि कांगड़ा जिले में 14 सड़कें और 603 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। इनमें धर्मशाला उपमंडल में सबसे ज्यादा 466 योजनाएं, देहरा में 73 और नूरपुर में 64 योजनाएं बंद पड़ी हैं।

भारी बारिश का येलो अलर्ट
मौसम विभाग के मुताबिक सिरमौर के धौलाकुआं में सर्वाधिक 168 मिमी बारिश दर्ज की गई है। बिलासपुर में 120 मिमी, मनाली में 46 मिमी, जुब्बड़हट्टी में 44 मिमी, नगरोटा सुर्रियाँ में 42 मिमी, पांवटा साहिब में 38 मिमी और सुजानपुर में 37 मिमी वर्षा दर्ज की गई। मौसम विभाग ने आज प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। अगले 24 घंटे भी बारिश के आसार हैं, जबकि 12 से 16 जुलाई तक फिर से कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।

मानसून ने ली 85 की जान, 739 करोड़ का नुकसान
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार 20 जून से अब तक वर्षा जनित हादसों में 85 लोगों की मौत हो चुकी है, 34 लोग लापता हैं और 129 घायल हुए हैं। बारिश और भूस्खलन से 431 घर पूरी तरह से ध्वस्त और 922 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा 223 दुकानें और 877 पशुशालाएं भी पूरी तरह तबाह हो गई हैं। अकेले मंडी जिले में 30 जून की रात बादल फटने की घटनाओं से 409 घर और 203 दुकानें पूरी तरह से धराशायी हुईं जबकि 732 मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। मंडी जिले में अब तक 20 लोगों की मौत और 27 लोग लापता हैं। अब तक पूरे मानसून सीजन में राज्य में 739 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति का नुकसान हो चुका है जिसमें जलशक्ति विभाग को 402 करोड़ और लोक निर्माण विभाग को 318 करोड़ का नुकसान आंका गया है।

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