AI विकास और तबाही दोनों का टूल बन सकता है: पीएम मोदी

AI विकास और तबाही दोनों का टूल बन सकता है: पीएम मोदी

नई दिल्ली। कल मंगलवार यानी 12 दिसंबर से भारत में ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजिंस समिट का आगाज हो गया। दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत में आयोजित इस GPAI Summit 2023 का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। समिट को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर कई सारी अहम बातें कहीं। उन्होंने इसके दुरुपयोग को लेकर चिंता भी जाहिर की।

आपको बता दें कि GPAI Summit 2023, 14 दिसबंर तक चलेगा। इस समिट में करीब 29 देश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर चर्चा करेंगे। इस समिट में करीब 150 से अधिक स्टार्टअप भी शामिल होंगे। पीएम मोदी ने एआई के गलत इस्तेमाल पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि डीपफेक पूरी दुनिया के लिए इस समय एक नया चैलेंज हैं क्योंकि इसकी मदद से जानबूझकर झूठ को फैलाया जा सकता है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि भारत इस समिट की अध्यक्षता कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड समिट ऐसे समय पर हो रहा है जब पूरी दुनिया में एआई को सिद्धांत और उपयोग को लेकर अलग अलग तरह की डिबेट छिड़ी हुई है। पीएम मोदी ने कहा कि इस समिट से जुड़े हुए सभी देशों पर एआई को लेकर एक अहम दायित्व है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें यह भी देखना होगा कि आतंकियों के हांथ में एआई टूल्स न लगे। यह भी एक बहुत बड़ा खतरा है। इसके साथ ही उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के एथिकल उपयोग के लिए एक ग्लोबल फ्रेमवर्क तैयार करने पर भी जोर दिया। पीएम ने कहा कि आज टेक्नोलॉजी के दौर में एआई सिर्फ एक टूल नहीं है बल्कि यह एक वर्ल्ड वाइड मूवमेंट बन चुका है इसिलए हमें इस पर मिलकर काम करना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि हमें दुनिया को यह यकीन दिलाना होगा कि एआई उनके भले  और फायदे के लिए है। 

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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