डिजिटल नजर: ऐप के जरिये बच्चों का मूल्यांकन करेंगे शिक्षक

डिजिटल नजर: ऐप के जरिये बच्चों का मूल्यांकन करेंगे शिक्षक

लखनऊ: परिषदीय स्कूलों में शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए निपुण ऐप को अपग्रेड किया गया है। शिक्षकों को हर हफ्ते कम से कम पांच बच्चों का मूल्यांकन ऐप के माध्यम से करना होगा। कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के लिए विषयवार प्रश्न बैंक बनाया गया है। ऐप रविवार और छुट्टियों पर बंद रहेगा। राज्य परियोजना निदेशक ने ऐप का उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।
 
पर्यवेक्षक और मास्टर ट्रेनर शामिल किए गए
मूल्यांकन के लिए कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के लिए विषयवार प्रश्न बैंक बनाया गया है, जिसमें बच्चों की समझ और सीखने की क्षमता को आंकने के लिए प्रश्न शामिल हैं। ऐप में शिक्षक, पर्यवेक्षक और मास्टर ट्रेनर शामिल किए गए हैं। इसमें हर बच्चे के लिए अलग-अलग रेंडम आधार पर प्रश्न पूछे जाएंगे और उसके प्रदर्शन के आधार पर तुरंत सहयोग भी किया जाएगा। शिक्षकों को ऐप पर 25 सप्ताह की शिक्षण योजना के मुताबिक मूल्यांकन करना होगा। 
 
वहीं, एआरपी, डायट मेंटर्स और स्टेट रिसोर्स ग्रुप को 10 से 30 स्कूलों में सहयोगात्मक पर्यवेक्षण करना होगा। इन निरीक्षणों के दौरान कक्षा एक और दो के 40 फीसदी, कक्षा तीन से पांच के 30 फीसदी और कक्षा छह और आठ के 20 फीसदी बच्चों का मूल्यांकन किया जाएगा।
 
स्कूलों में 416 आईसीटी लैब एवं 759 स्मार्ट क्लास बनेंगे
राजकीय एवं अनुदानित माध्यमिक स्कूलों में 416 आईसीटी लैब एवं 759 स्मार्ट क्लास स्थापित किए जाएंगे। इस कार्य को इसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण कर लिया जाएगा। राज्य सरकार ने इन दोनों कार्ययोजनाओं को पूरा करने के लिए 43.28 करोड़ रुपये भी जारी कर दिए हैं। इसमें आईटीसी (इंफॉर्मेशन एण्ड कम्यूनिकेशन टेक्नालॉजी यानि सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी) लैब या प्रयोगशालाओं के मद में 17.67 करोड़ रुपये तथा स्मार्ट क्लास के मद में 18.21 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इसके अलावा 100 अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों में आईसीटी लैब की स्थापना के लिए पहली बार 6.40 करोड़ की राशि भी स्वीकृत की गई है।
 
दोनों कार्ययोजनाओं को पूरा करने के लिए 43.28 करोड़ रुपये जारी
वहीं माध्यमिक शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक (समग्र शिक्षा) विष्णु कांत पाण्डेय ने बताया कि केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ने भी प्रदेश के माध्यमिक स्कूलों में आईसीटी लैब एवं स्मार्ट क्लास की स्थापना के लिए अलग से 24.73 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। कुल 471 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में आईसीटी लैब के लिए 20.94 करोड रुपये तथा 158 माध्यमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास के लिए लगभग चार करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
 

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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