संविधान हत्या दिवस मनाने के केंद्र सरकार के फैसले पर झामुमो ने उठाए सवाल
रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो ) के महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने भाजपा की ओर से संविधान हत्या दिवस की घोषणा करने पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि शुक्रवार को भारत के राजपत्र में एक तिथि को सूचित किया गया। वो तिथि 25 जून होगी, जो देश में आगामी वर्षो में संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया जाएगा। देश के धर्म ग्रंथ संविधान है। अब भारत सरकार उसकी हत्या का दिवस मनाएगा। इस लोकसभा चुनाव में भाजपा का संविधान को बदलने का नारा आया, 400 पार का नारा लगा तो लोगों की जो बेचैनी थी वो 303 से उतरकर 240 में आ गया। यही बैखलाहट है कि भाजपा ने 25 जून को संविधान हत्या के रूप में घोषित किया। अजीब विडंबना है कि जिस संविधान को हम पूजते हैं भाजपा अब उसकी हत्या करना चाहती है। भट्टाचार्य शनिवार को हरमू स्थित पार्टी कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ था। चीन और पाकिस्तान के साथ युद्ध के समय भी आपातकाल लगा था। भाजपा ने उसी संविधान के तहत 365 का उपयोग कई बार किया है। राष्ट्रपति शासन भी लगाया है। वो भी एक तरह से आपताकाल ही होता है। उन्होंने कहा कि संविधान की हत्या का पहला मुहर 25 मई 2014 को लगा था। जब मोदी ने शपथ लिया था। पहला आर्थिक आपातकाल नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को लगाया । नोट बंदी करके। वो आर्थिक आपातकाल था। जब लाखों की संख्या में लोग बेरोजगार हुए। फिर आपताकाल की घोषणा कोरोना काल में। बिना किसी तैयारी के। नागरिक आपातकाल लगाया गया। संपूर्ण लॉकडाउन के तहत लोग मरने को मजबूर थे। किसानों के लिए तीन कृषि कानून लाकर आपातकाल लगाया। जिसमें 750 लोग मारे गये।
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