उर्स चेहल्लुम दौरान बोलते उलमा व जुटी जायरीनो की भीड़ 

इस्लाम के खिलाफ होने वाली हर साजिश को बेनकाब करना ही हशमती मिशन है-मुफ्ती-ए-आजम पीलीभीत शरीफ 

उर्स चेहल्लुम दौरान बोलते उलमा व जुटी जायरीनो की भीड़ 

प्रबंधक अल जामिया तुल हशमतिया हजरत अल्लामा मुफ्ती मोहम्मद मासूम रजा खान हशमती अलैहिर रहमा के उर्स चेहल्लुम के मौका पर उलमा का बयान

बभनजोत (गोण्डा) । मजहब ए इस्लाम के खिलाफ उठने वाले हर फितने और साजिश को बेनकाब करना और उसको खत्म करना ही खानकाहे हशमतिया का मिशन है। हजरत मासूमे मिल्लत अलैहिर रहमा ने अपने बुजुर्गों के इसी मिशन को पूरी जिंदगी लोगों तक पहुंचाया और अब हजरत इदरीश रजा खान हशमती की सरपरस्ती में यह खान वादा इस मिशन को आगे बढ़ाता रहेगा। यह पैगाम जुमेरात को पिपरा महिमा शरीफ अल जामेअतुल हशमतिया के सामने आस्ताना आलिया मासूमे मिलत पर होने वाले उर्स चेहल्लुम की महफिल को खिताब करते हुए जा नशीने हुजूर मासूमे मिल्लत मुफ्ती ए आजम पीलीभीत अल्लामा मुफ्ती मोहम्मद मेहरान रजा हशमती ने उर्स में आए अकीदत मंदों को मजमा ए आम से खिताब करते हुए दिया है। उन्होंने कहा कि हमें कोई डराने और धमकाने या लालच देने की हिमाकत न करें क्योंकि हमें हमारे बुजुर्गों ने यही तालीम दी है की माल देना पड़े तो माल दे देना और जान देना पड़े तो जान भी दे देना, लेकिन अगर कोई नामूसे रिसालत और अहले बैत व सहाबा की अजमतों पर हमला करने वालों से कभी समझौता मत करना।
 
मुफ्ती मोहम्मद फारान रजा खान हशमती ने मासूमें मिल्लत की दीनी खिदमत और उनकी  करामात बयान किया और अहले सुन्नत वल जमाअत के अकीदे की तर्जुमानी की और कहा कि जब मेराजुन्नबी का वाकया बयान करता है कि बैतुल मुकद्दस में हुजूर ने सारे अंबिया को नमाज पढ़ाई और अर्शे आजम तक के सफर में एक के बाद एक कई नबियों से मुलाकात की तो फिर अंबिया शोहदा और स्वालीहीन के मरकर मिट्टी में मिलने का अकीदा कैसे दुरुस्त हो सकता है? जाहिर है कि इस तरह के अकीदे गुमराही के रास्ते पर ले जाने वाले हैं। मुफ्ती अब्दुल रहमान कादरी ने कहा कि सीधा रास्ता उनका है जिन पर अल्लाह का इनआम हुआ है और यह रास्ता नबियों का है अहलेबैत और सहाबा का है, औलिया अल्लाह और शोहदा व स्वालिहीन का है, और उन्ही स्वालीहीन में सरकार आला हजरत इमाम अहमद रजा खान फाजिले बरेलवी , शेर बे शए अहले सुन्नत और आपका पूरा खानवादा भी शामिल है, मासूमे मिल्लत की हस्ती का अंदाज़ा उन्हीं को है जिन्होंने उनके नमाज जनाजे में शिरकत की थी एक तरफ खालिक ए
 
कायनात के महबूब बंदे का जनाजा था और दूसरी तरफ मखलूके खुदा नजर आ रही थी, उनके अलावा शहजादा ए  हुजूर मासूमें मिलत मौलाना अलहाज मुफ्ती मोहम्मद फरमान रजा खान हशमती मौलाना मुफ्ती मोहम्मद सनाबिल रजा खान हशमती, मौलाना मुफ्ती मोहम्मद शमाइल रजा खान हशमती मौलाना मुफ्ती मशारिबुल हशमत खान हशमती मौलाना मुफ्ती मोहम्मद मनाकिब रजा खान हशमती,मौलाना मुफ्ती रियाज हैदर हनफी हशमती, मौलाना मोहम्मद मुहामिदुल हशमत ने खिताब किया, इस मौके पर मौलाना हंजला रजा, मौलाना कारी अब्दुल हफीज हशमती, मौलाना मुफ्ती नकीबुर्रहमान कानपुरी, मौलाना गुलाम मोईनुद्दीन हशमती, मौलाना बखशिश, मौलाना मुफ्ती गुलाम मुर्तजा मिस्बाही, कारी शहजाद राजा हशमती भानपुरी,मौलाना अली अहमद,मौलाना
 
गुलाम जीलानी हशमती, मौलाना नूर अहमद, समेत खानवादा हशमतिया के तमाम शहजादगान बड़ी तादाद में उलमा ए कराम और अकीदत मंद मौजूद रहे। शोरा में मौलाना अकमल मुशाहिदी गोंडवी मिर्जा सिबतैन रजा बेग हशमती, गुलाम यासीन कानपुरी, अख्तर गोंडवी कारी मेहंदी हसन हशमती वगैरा ने अपनी आवाज के जरिए लोगों को मस्त कर दिया,महफिल का इखतेताम सलातो   सलाम व मुफ्ती मोहम्मद मेहरान रजा खान हशमती के रिक्कत आमेज दुआ पर हुआ। बड़े पैमाने पर अलहाज शमीम खान हशमती, प्रधान अब्दुल वहीद खान हशमती मरहूम के साहबजादगान  की तरफ से लांगरे हशमती मासूमी का एहतमाम किया गया। इसको खिलाने के लिए अलग-अलग तंजीमो को जिम्मेदारी सौंपी गई थी उलमा ए कराम को खिलाने के लिए हशमती सोसायटी मनकापुर को जिम्मेदारी दी गई थी।आखिर में जामिया के मीडिया प्रभारी खादिम खलीफा हुजूर मासूमे मिल्लत अलहाज करी शरफुद्दीन खान हशमती ने बाहर से आए हुए तमाम जायरीन और अकीदतमंदों का शुक्रिया अदा किया।
 
अब हर साल अरबी माह के 10 शाबान को उर्स मासूमी मनाया जाएगा।
जुमेरात को मासूमें मिल्लत के उर्स चेहल्लुम के मौका पर अल्लामा मुफ्ती मोहम्मद फरजान रजा खान हशमती ने ऐलान किया  कि नासिर ए  मिल्लत और इदरीश ए  मिल्लत और खान वादे के एकराय से यह फैसला लिया गया है की अब हर साल 10 शाबान को पिपरा माहिम शरीफ में उर्स मासूमी मनाया जाएगा। और उर्स को हशमती खानवादे के मिशन, *हक को हक कहना, और बातिल का रद्द करना, को आम करना है। मदीना मुनव्वरा शरीफ समेत मुख्तलिफ आस्तानों से आईं चादरें पेश की गईं। जुमेरात को उर्स मासूमें मिल्लत के दौरान शहजाद गान अल्लामा मुफ्ती मोहम्मद फरजान रजा, अल्लामा मुफ्ती मोहम्मद मेहरान रजा, अल्लामा मुफ्ती मोहम्मद फारान रजा, मुफ्ती मोहम्मद फरमान रजा खान हशमती ने मदीना मुनव्वरा शरीफ और मुल्क के मशहूर आसतानों से आई चादर मासूमें मिल्लत के आस्ताने पर पेश की गई।
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