वक्फ संशोधन 2025 में पारदर्शिता का कानून, तुष्टीकरण पर प्रहार
मिर्जापुर । भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्यालय स्थित प्रेस सभागार में सोमवार को एक अहम प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता भाजपा जिला उपाध्यक्ष एवं मीरजापुर नगर पालिका अध्यक्ष श्याम सुन्दर केसरी ने की। इस मौके पर काशी क्षेत्र के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष व जिला प्रभारी सरोज कुशवाहा ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम – 2025 की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि यह विधेयक देश के संपत्ति प्रबंधन और धार्मिक स्वतंत्रता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
सरोज कुशवाहा ने बताया कि यह अधिनियम पारदर्शिता बढ़ाने, वक्फ बोर्ड की मनमानी पर अंकुश लगाने और सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है। उन्होंने यूपीए सरकार पर वक्फ बोर्ड को असीमित अधिकार देकर "तुष्टीकरण की राजनीति" करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार ने उस पुराने विधेयक को वापस लेकर न्यायसंगत और संतुलित संशोधन प्रस्तुत किया है।
प्रेस वार्ता में बताया गया कि अधिनियम की नई व्यवस्था के तहत किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित करने से पहले अखबारों में 90 दिन की सार्वजनिक सूचना देना अनिवार्य होगा, साथ ही राज्य सरकारों को संपत्ति के सर्वेक्षण का अधिकार होगा जिससे सरकारी जमीनों की रक्षा हो सकेगी। यह अधिनियम महिलाओं की स्थिति को भी सशक्त करता है, विशेष रूप से विधवा, तलाकशुदा और अनाथ महिलाओं के भरण-पोषण का स्पष्ट प्रावधान इसमें किया गया है।
एक केंद्रीकृत वक्फ पोर्टल की स्थापना, पारिवारिक वक्फ में महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा, और मानकीकृत दस्तावेजों के उपयोग जैसे प्रावधान इस विधेयक को ऐतिहासिक बनाते हैं।
प्रेसवार्ता में भाजपा के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे, जिनमें कार्यक्रम संयोजक विपुल सिंह, पूर्व राज्यमंत्री व मड़िहान विधायक रमाशंकर सिंह पटेल, मझवां विधायक शुचिस्मिता मौर्या, तथा जिला मीडिया प्रभारी ज्ञान प्रकाश दूबे प्रमुख रूप से शामिल थे।
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