नवजात शिशु के लिए वरदान से कम नहीं एसएनसीयू
1.25 लाख नवजात शिशुओं को मिली नई जिंदगी : डॉ. सलमान
लखनऊ। "हमारे बाबू को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और हमारी सांसें जैसे थम-सी गई थीं।" ये कहना है ममता का जो लखनऊ के बक्शी का तालाब क्षेत्र की रहने वाली हैं। ममता के बेटे का जन्म साढ़ामऊ स्थित राम सागर मिश्रा अस्पताल में पिछले माह छह अप्रैल को हुआ था। समय से पहले जन्म और कम वजन के कारण बच्चे की तबीयत लगातार बिगड़ रही थी। जन्म के समय बच्चे का वजन 1340 ग्राम था। हालत इतनी गंभीर हो गई थी कि उसे सांस लेने में भी परेशानी होने लगी और शुगर लेवल भी गिर गया था। ऐसे में बच्चे को तुरंत अवंतीबाई अस्पताल के सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में रेफर किया गया।
जानकारी के मुताबिक,यहां नवजात को चार दिन तक सीपैप मशीन में रखा गया जिससे उसे लगातार ऑक्सीजन मिलती रही। स्थिति सुधरने पर बच्चे को कंगारू मदर केयर (केएमसी) वार्ड में भेजा गया, जहां ममता ने बच्चे को स्किन-टू-स्किन कांटेक्ट और स्तनपान से सहारा दिया। इसका असर यह हुआ कि नवजात का वजन 1340 ग्राम से बढ़कर 1475 ग्राम तक पहुंच गया। ममता बताती हैं, " डॉक्टरों की निगरानी और देखभाल से आज बाबू हमारा पूरी तरह ठीक है,तो हमारा मन भी शांत है।
" अवंतीबाई अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सलमान बताते हैं कि एसएनसीयू एक माह तक के नवजात शिशुओं के लिए अत्याधुनिक सुविधा है। यह विशेष वार्ड उन बच्चों के लिए तैयार किया गया है जो समय से पहले जन्मे हों, कम वजन के हों या सांस लेने में दिक्कत जैसी किसी गंभीर समस्या से जूझ रहे हों।
एसएनसीयू में भर्ती होने वाले बच्चों का इलाज पूरी तरह निःशुल्क किया जाता है। वह बताते है कि एसएनसीयू में 24 घंटे ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध है।
साथ ही, बच्चों के अनुसार ठंडा और गर्म वातावरण बनाए रखने के लिए एसी, हीटर, रेडिएंट वार्मर, फोटो थैरेपी यूनिट, एक्यूबेटर जैसी सुविधाएं भी मौजूद हैं। वर्तमान में एसएनसीयू में 18 बेड की व्यवस्था है और साल 2024-25 में 963 बच्चों को यहाँ भर्ती कर इलाज दिया जा चुका है। डॉ. सुर्यान्शु ओझा, बाल स्वास्थ्य,महाप्रबंधक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन बताते हैं कि प्रदेश में 119 एसएनसीयू वार्ड स्थापित किये गए हैं । साल 2024 -25 में प्रदेश में कुल 1.25 लाख बच्चों को भर्ती कर उनका इलाज किया गया है । एसएनसीयू नवजात में होने वाली स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं के प्रबन्धन और नवजात मृत्यु दर को कम करने में कारगर साबित हो रहे हैं । जो नवजात स्वास्थ्य सम्बन्धी गंभीर समस्याओं से पीड़ित होते हैं उनका इलाज यहाँ किया जाता है ।
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