संक्रामक रोगों की रोकथाम में हाथ की स्वच्छता पर हुई चर्चा
लखनऊ। हर साल 'जीवन बचाएं: अपने हाथ साफ करें' अभियान डब्ल्यूएचओ द्वारा चलाया जाता है जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर हाथ स्वच्छता में सुधार के समर्थन में 'लोगों को एक साथ लाना' है। इस साल हाथ स्वच्छता दिवस की थीम थी, “इट माइट बी ग्लव्स। इट्स ऑलवेज हैण्ड हाइजीन”। यह थीम दस्ताने के उपयोग के बावजूद हाथ की स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डालती है।
विश्व हाथ स्वच्छता दिवस 2025 के अवसर पर, माइक्रोबायोलॉजी विभाग और अस्पताल संक्रमण नियंत्रण समिति ने एक संगोष्ठि का आयोजन किया है। कार्यक्रम की आयोजन अध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रमुख प्रोफेसर डॉ. ज्योत्सना अग्रवाल थीं और आयोजन सचिव एचआईसीसी के संक्रमण नियंत्रण अधिकारी प्रोफेसर मनोदीप सेन थे जिन्होंने दर्शकों को हाथ स्वच्छता की मूल बातें बताईं।
सह-आयोजन सचिव डॉ. मोहम्मद साकिब ने विश्व हाथ स्वच्छता दिवस के महत्व और हाथ धोने के चरणों के बारे में बताया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हमारे माननीय निदेशक, डॉ. आरएमएलआईएमएस, प्रो. (डॉ.) सी.एम. सिंह थे, जिन्होंने संक्रामक रोगों की रोकथाम में हाथ की स्वच्छता के महत्व और अस्पताल के संक्रमण नियंत्रण नीतियों में इसकी भूमिका के बारे में श्रोताओं को जानकारी दी।
एसजीपीजीआई के सीनियर जुइन दत्ता घोष, वरिष्ठ गुणवत्ता नर्सिंग अधिकारी, अस्पताल प्रशासन विभाग,ने कहा कि श्रोताओं को हाथ की स्वच्छता के अनुपालन के बारे में जानकारी दी। इसके उपयोग के लाभ और अस्पताल में होने वाले संक्रमण की रोकथाम में इसके लाभ। इस दिन नर्सिंग छात्रों के बीच रंगोली प्रतियोगिता के पुरस्कार विजेताओं को भी हमारे निर्णायकों द्वारा प्रशंसा के प्रतीक के रूप में सम्मानित किया गया।
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