'तुली रिसर्च सेंटर' से शिक्षा, कला और संस्कृति को मिलेगा नया दृष्टिकोण:नेविल तुली
मुंबई। भारत की समृद्ध कला, संस्कृति और बौद्धिक विरासत को एकीकृत और नि:शुल्क डिजिटल मंच पर लाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, तुली रिसर्च सेंटर फॉर इंडिया स्टडीज ने आधिकारिक रूप से tuliresearchcentre.org की शुरुआत कर दी है। यह जानकारी तुली रिसर्च सेंटर फार इंडिया स्टडीज के निर्माता नेविल तुली ने दी ।
नेविल तुली ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि यह मंच आधुनिक और समकालीन भारतीय लोकप्रिय कला, सिनेमा, फोटोग्राफी, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी, ग्राफिक आट्र्स, पशु कल्याण और सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था जैसे विविध क्षेत्रों को जोड़ते हुए एक व्यापक विजुअल स्टडी बैंक प्रदान करता है। यह पहल प्रसिद्ध सांस्कृतिक संस्था निर्माता नेविल तुली के तीन दशकों की शोध यात्रा और संस्थागत निर्माण की परिणाम है।
नेविल ने अपनी इस नई वेबसाईट को एक अनूठी सोच के साथ डिजाइन किया है, जहां छवियां, लेख और ऑडियो कंटेंट को समान महत्व दिया गया है। इस मंच को मूल रूप से हजारों एक्सेल शीट्स के माध्यम से संरचित किया गया है, जिसे एक शक्तिशाली सर्च और फिल्टर इंजन में बदला गया है। उपयोगकर्ता अब विभिन्न क्षेत्रों में गहराई से खोज कर सकते हैं और विशेषीकृत परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। इस वेबसाईट पर 16 सर्च केटेगरी हैं, जो भारत अध्ययन के लिए एक नया ढांचा प्रस्तुत करती हैं। नेविल तुली का यह प्रयास उस विचारधारा पर आधारित है कि ज्ञान सभी का होना चाहिए, शिक्षा नि:शुल्क होनी चाहिए और जिज्ञासा असीमित। यह मंच विद्यार्थियों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं और आम जनता को भारत की रचनात्मक परंपराओं और वैश्विक जुड़ावों के साथ गहन संवाद करने का अवसर देता है। यह सिर्फ एक वेबसाइट नहीं, बल्कि एक बौद्धिक क्रांति है जो भारत की सांस्कृतिक आत्मा को विश्व मंच पर पुन: प्रतिष्ठित करने की दिशा में एक ठोस कदम है।
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