बिहार में बालू माफियाओं की सरकार ? अवैध बालू खनन पर रोकथाम के लिए गठित टास्क फोर्स बनी मुगदर्शक या शेयरदार करें तय

जिला टास्क फोर्स के अध्यक्ष होते हैं ज़िलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक होते हैं सचिव, डेढ़ साल में कभी नहीं किया रेड

ई. सी एरिया से बाहर अवैध खनन आम बात , पटना जिले के कटारी, बेरर टोला ,, सरदा छपरा , धाना निसरपुरा , जलपुरा में पुरी रात अवैध खनन

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अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर व ग्रामीण रंजीत कुमार ने अवैध खनन को लेकर पुलिस- प्रशासन व खनन विभाग को दिया दर्जनों आवेदन 
 
रवीश कुमार मणि 
 
पटना ( अ सं ) । अवैध बालू खनन के रोकथाम और बालू माफियाओं के लिए नये बालू खनन नीति बनाईं गयी । मुख्यालय , प्रमंडल, व जिला स्तर पर टास्क फोर्स गठित का प्रावधान है । डेढ़ वर्ष में किसी  ज़िलाधिकारी सह टास्क फोर्स के अध्यक्ष ने अवैध बालू खनन के खिलाफ कोई रेड नहीं मारा है , व खुलकर मीडिया में कोई बयान दिया है । सवाल उठता है क्या बिहार में बालू माफियाओं की सरकार है । अवैध बालू खनन के लिए सरकार द्वारा गठित टास्क फोर्स क्यों मुगदर्शक बनी हुई है . क्या शेयरदार है और सबकुछ तय है । यह बिहार के आम - अवाम को तय करना होगा । केन्द्रीय एजेंसी ईडी व स्टेट जांच एजेंसी ईओयू ने दारोग़ा- इंस्पेक्टर से लेकर डीएसपी- एसपी और सीओ से लेकर एसडीओ तक को बालू माफियाओं से साठगांठ रखने में नाप दिया वहीं बालू माफियाओं का साम्राज्य आज भी क़ायम है और रात्रि में अवैध खनन बड़े पैमाने पर हों रही है एवं रात्रि में खुलेआम सोन नदी से सड़क मार्ग पर अवैध व चोरी के करोड़ों का बालू बाजार में बिक रहा है या फ़र्ज़ी तरीक़े से स्टॉक हो रहा है । सूबे के खनन मंत्री सह उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा को कई बार यह कहते हुए सुना गया है की अवैध बालू खनन की सूचना देनेवाले को इनाम दिया जायेगा । मंत्री जी यह पता कर या जांच करा यह स्पष्ट करना चाहेंगे की अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर व रानीतलाब थाना के सरदा छपरा गांव निवासी रंजीत कुमार ने अवैध बालू खनन के कितने शिकायत किया है । जी हां आपके पास अगर आंकड़ा नहीं है तो हम बता देते हैं अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने वर्ष 2024 में प्रधान सचिव व जिला पदाधिकारी पटना को 14 आवेदन दिया है एवं  वर्ष 2025 में 6 आवेदन दिया है । आवेदन के आलोक में केन्द्रीय खनन मंत्रालय ने बिहार खनन निदेशक को कार्रवाई के लिए पत्र प्रेषित किया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई । अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने सूचना अधिकार अधिनियम 2005  के तहत अवैध खनन से जुड़े दर्जनों सूचनाएं मांग किया । निर्धारित समय पर सूचना नहीं मिलने पर अपील दाखिल किया है लेकिन कोई जबाब नहीं मिला । रंजीत कुमार ने वर्ष 2024 - 2025 में 9 आवेदन अवैध खनन का रानीतलाब थाना, सिटी एसपी, एसडीओ, ज़िलाधिकारी, खनन विभाग के तमाम वरीय अधिकारी से लेकर खनन मंत्री सह उप मुख्यमंत्री को दिया है लेकिन क्या कार्रवाई हुई है । आप स्वयं तय करें । 
 
टास्क फोर्स ने डेढ़ साल में कभी नहीं किया रेड , अवैध खनन बदस्तूर जारी 
 
खनन विभाग का मुख्यालय पटना है । मुख्यालय से सोन नदी की दूरी मात्र 20 किलोमीटर से शुरू हो जाती है जो 65 किलोमीटर तक फैला है । पटना जिला में बिहटा से लेकर पालीगंज तक सोन नदी में बालू का खनन होता है । अवैध से जुड़े लगातार शिकायतें मिलती है व अख़बार में हमेशा ख़बरें प्रकाशित होते रहा है । सूत्रों की मानें तो 200-300 आवेदन अवैध खनन से जुड़े विभाग को मिला है । नये बालू खनन नीति में बनाएं गये प्रावधान के अनुसार पटना प्रमंडल के आयुक्त,अध्यक्ष है एवं सचिव हैं पुलिस महानिरीक्षक, पटना जिला के अध्यक्ष है ज़िलाधिकारी व सचिव है पुलिस अधीक्षक एवं अनुमंडल में अध्यक्ष है एसडीओ व सचिव है डीएसपी । डेढ़ वर्ष में प्रमंडल व जिला में टास्क फोर्स के अध्यक्ष सचिव ने कब संयुक्त रूप से रेड किया है व कब सोन नदी का निरीक्षण किया है । जबकि वर्तमान में भी बदस्तूर अवैध बालू खनन जारी है । 
 
सरकारी फाइल में खनन बंद परंतु बालू माफियाओं के लिए खुलीं छूट 
 
पटना जिला के सोन नदी में जलपुरा घाट संख्या -5 , धाना निसरपुरा ,  सरदा छपरा ( जनपारा) , बेरर टोला ( जनपारा ) , कटारी बालू घाट सरकारी फ़ाइल में बंद है । बंदोबस्तधारियों ने बालू घाट को सरेंडर कर दिया है । दिखावे के लिए बालू बंद है परंतु प्रतिदिन रात्रि में सैकड़ों ट्रैक्टर व हाइवा से चोरी का बालू बिहटा - महाबलीपुर मेन रोड एवं सोन कैनाल से निकाली जाती है । संध्या होते ही बालू चोरी के लिए उक्त गांव स्थित बालू घाटों पर पॉकलेन की गरजना शुरू हो जाती है । इस संबंध में सरदा छपरा निवासी रंजीत कुमार ने लिखित शिकायत किया है की अवैध खनन कर बालू का चोरी किया जा रहा है । इसमें सरकारी कर्मियों की मिलीभगत है । रूपया वसूली करने बालू घाट तक आते है । बालू माफियाओं को चोरी से अवैध बालू खनन करने की छूट है । करोड़ों का बालू प्रतिदिन निकासी किया जा रहा है । खनन विभाग को प्रतिदिन नुक़सान हो रहा है जीएसटी व सीजीएसटी कर की भी चोरी बालू माफिया कर रहे है । अब देखना है की अवैध बालू खनन व चोरी के बालू पर रोक लगती है की नहीं । 

 

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