आईएसआई एजेंट ‘मोटा’ गिरफ्तार, चाहता था माहौल बिगाड़ना
देश विरोधी गतिविधियों में शामिल था तहसीम : डीजी लॉ एंड आर्डर
- व्हाट्एप के जरिये पाकिस्तान से था कनेक्ट, हुई आईएसआई हैण्डलर से पहचान
लखनऊ। यूपी एसटीएफ ने गुरुवार को आईएसआई एजेंट को मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना इलाके से गिरफ्तार किया है। इसके ऊपर भारत की एकता, अखण्डता, सम्प्रभुता तथा सामाजिक सौहार्द को विखिण्डत करने एवं भारत की आतंरिक व बाह्य सुरक्षा को खतरा उत्पन्न करने के संबंध में थाना कोतवाली शामली मुकदमा दर्ज है। गिरफ्तार अभियुक्त का नाम तहसीम उर्फ मोटा पुत्र नसीम अहमद निवासी बर्फवाली गली नौ कुआं रोड मोनीनपुरा जनपद शामली है। पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने प्रेसवार्ता में बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त तहसीम ने पूछताछ में बताया कि यह तथा उसका भाई कलीम पाकिस्तान आते-जाते हैं। वहां इसके आईएसआई के कुछ हैण्डलर से जान पहचान हो गई थी।
जिनके द्वारा उसे कुछ पैसों का लालच दिया और उनसे कहा कि तुम्हे भारत में जिहाद फैलाने के लिए असलाह व गोला बारुद तथा पैसा दिया जाएगा। जिसका तुम भारत में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए अपने लोगों को तैयार करो, जो भारत के भिन्न-भिन्न स्थानों पर दंगा व फसाद कर विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देगें। जिससे कि भारत में शरीयत कानून के तहत नये सिस्टम स्थापित कर भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाया जा सके। तहसीम व उसका भाई कली फर्जी सिम प्राप्त का व्हाटसप से पाकिस्तान में आईएसआई एजेंट दिलशाद उर्फ मिर्जा से संपर्क कर संवेदनशील सूचनाएं भेजते थे तथा नफीस जो कांधला का रहने वाला है से नकली करेंसी लेकर इमरान के साथ आस-पास के जनपदों में सप्लाई का काम करता था। इसके भाई कलीम के गिरफ्तार होने के पश्चात यह अपना फोन छोड़कर फरार हो गया था। पूछताछ के दौरान प्रकाश में आया कि तहसीम वर्ष 2002 में पाकिस्तान कोटाद्दू अपने बुआं के यहां गया था। वह वहां पर पान, कत्था आदि बेचने के बहाने गया था। कोटाद्दूा में अपने रिश्तेदार के पास वह लगभग 10-15 दिन रहा। बाकी 15-20 दिन वह लाहौर में हमीदा के यहां गया।
हमीदा कैराना जनपद शामली की रहने वाली है। इकबाल काना जो कैराना का रहने वाला है, काफी वर्ष पहले आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने के बाद पाकिस्तान भाग गया था। उक्त गतिविधियों में हमीदा भी इकबाल काना की सहयोगी रही थी, जो पकड़े जाने के डर से वह भी इकबाल काना की सहायता से पाकिस्तान चली गयी थी। हमीदा के माध्यम से इसकी मुलाकात इकबाल काना से हुई थी।
डीजी लॉ एंड ऑर्डर ने बताया कि लाहौर में हमीदा के यहां रहते हुए उसकी मुलाकात लाहौर के ड्राईफूड की दुकान करने वाले इकबाल काना के सहयोगी केसर से हुई। केसर ने उसे इण्डिया की नकली करेंसी इण्डिया में सप्लाई करने के लिए बताया। केसर के माध्यम से इसकी जान पहचान दिलशाद मिर्जा से हुई थी। दिलशाद ने उसे देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए मोटीबेट किया। पाकिस्तान से वापस आने के बाद इकबाल काना एवं केसर उपरोक्त ने तहसीम को फोन कर नकली करेंसी भेजना शुरू कर दिया। वर्ष 2002 से लेकर 2008 तक लगभग दो से तीन माह के अंतराल में नकली करेंसी भेजना शुरू कर दिया।
हर खेप में दो लाख से लेकर सात लाख रुपये तक की रकम हुआ करती थी। यह पाकिस्तान से आयी नकली करेंसी को इनके द्वारा बताये गये लोगों से कभी दिल्ली व कभी अमृतसर से प्राप्त करता था। वह नकली करेंसी इंडिया में चलाकर व उनके द्वारा बताये गये लोगों को दे देता था तथा इससे प्राप्त असली करेंसी को उनके बताये गये लोगों को दे देता था। यह कैराना शामली के अमीर अहमद के साथ लगभग 70 हजार रुपये की नकली करेंसी के साथ तथा दूसरी बार में रमन शर्मा के साथ लगभग आठ लाख रुपये की नकली करेंसी के साथ दिल्ली में पकड़ा गया था। तीसरी बार में अमृतसर पंजाब में अपनी गाड़ी से लगभग 22 लाख रुपये की नकली भारतीय करेंसी के साथ पकड़ा गया था। वर्ष 2016 तक जेल में रहा जहां पर इसकी मुलाकात कैराना निवासी शाहिद से हुई। जेल से सात साल की सजा काट कर बाहर आने के पश्चात यह शाहिद के सहयोग से ड्रग्स की सप्लाई एवं अन्य राष्टÑ विरोधी गतिविधियों में लिप्त हो गया।
शाहिद अमृतसर जेल से निकलने के बाद पाकिस्तान फरार हो गया। जहां से वह आईएसआई के सहयोग से भारत में ड्रग्स सप्लाई एवं अन्य राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त हुआ। आर्म्स सप्लाई में भी मोहालो, पंजबा से जेल जा चुका है। करीब दो साल पहले एनआईए दिल्ली से यूएपीए 1967 व एनडीपीएस एक्ट में भी नाम आने पर फरार चल रहा था। शाहिद, दिलशाद मिर्जा से हमेशा फोन से संपर्क में रहकर लगातार जिहाद व भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त था। गिरफ्तार अभियुक्त को थाना कोतवाली जनपद शामली में दाखिल किये जाने की कार्रवाई की जा रही है। अग्रिम विधिक कार्रवाई नियमानुसार स्थानीय पुलिस द्वारा की जाएगी। इस दौरान एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश भी मौजूद रहें।
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