बेबिनार कर चलाया जागरूकता अभियान,बांटे पंपलेट

एन्टी माइक्रोबियल जागरूकता सप्ताह समापन पर व्यक्त किए सुझाव

बेबिनार कर चलाया जागरूकता अभियान,बांटे पंपलेट

लखनऊ। राजधानी में रोगाणुरोधी प्रतिरोध पर जागरूकता सप्ताह मनाया गया। शनिवार को एंटीबायोटिक दवाओं के दुष्प्रभाव पर विस्तृत चर्चा की गई। वहीं एंटीबायोटिक जागरूकता सप्ताह के समापन दिवस पर फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि एंटीबायोटिक का नियमित रूप से लेखा-जोखा रखने और स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष रूप से सतत शिक्षा प्रदान करना अत्यंत आवश्यक है। जिससे हम सभी मिलकर एक साथ इस समस्या का सामना कर सके। उन्होंने बताया कि फेडरेशन की साइंटिफिक कमेटी के सलाहकार प्रो पीवी दीवान और चेयरमैन एवं एम्स के एडिशनल प्रो.हरलोकेश यादव के नेतृत्व में जागरूकता के अलग अलग कार्यक्रम आयोजित किए गए।
 
समापन पर एक बेबीनार को संबोधित करते हुए इंडियन फार्माकोलॉजिकल सोसायटी के अध्यक्ष डा शिव प्रकाश, प्रो बीके रॉय पूर्व डीन, बिसरा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी रांची ने चिकित्सकों, फार्मेसिस्टो और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के साथ आम जनता का भी आह्वान किया।साथ ही इस खतरे को गंभीरता से लेने के लिए डॉ मिंटू पाल विभागाध्यक्ष फार्माकोलॉजी एम्स भटिंडा,प्रो अभिनव एसोसिएट प्रो.राजीव तालियान, बिट्स पिलानी ने भी विषय की जानकारी दी।डॉ हरलोकेश ने बताया कि अनेक ग्रामीण क्षेत्रों में फार्मेसी के प्रोफेसरों, छात्रों तथा चिकित्सालयों में कार्यरत फार्मासिस्टों के माध्यम से आम जनता को एंटीबायोटिक के प्रभाव और दुष्प्रभाव के बारे में जानकारियां दी।
 
लुटावन कॉलेज ऑफ फार्मेसी गाजीपुर और लखनऊ के डिप्लोमा, बैचलर, मास्टर, फार्म. डी.छात्रों ने गांवों,अस्पतालों में जागरूकता के लिए पम्पलेट बांटा। एसबीएन कॉलेज ऑफ फार्मेसी के निदेशक डा संजय यादव ने बताया कि लगभग 500 लोगों से मुलाकात के बाद सबसे खेद जनक पाया कि बहुत ही कम लोगों को एंटीबायोटिक के दुष्प्रभाव की जानकारी थी। वहीं फेडरेशन के महामंत्री अशोक कुमार ने बताया कि पशुओं का मानव स्वास्थ्य के साथ सीधा संबंध है इसलिए पशुओं को भी औषधियां हमेशा अत्यंत सावधानी पूर्वक दी जानी चाहिए।
 
इसी क्रम में यूथ फार्मासिस्ट फेडरेशन के संरक्षक उपेंद्र एवं अध्यक्ष आदेश कृष्ण ने बताया कि यूथ फार्मेसिस्ट फेडरेशन द्वारा बैनर, पंपलेट और पोस्टर के माध्यम से जागरूक किया गया।साथ ही मेडिकल स्टोर चलाने वालो को संकल्प दिलाया गया कि बिना पर्चे के कोई भी एंटीबायोटिक दवाई नहीं दी जाएगी। साथ ही एंटीबायोटिक की बिक्री वितरण प्रोटोकॉल के अनुसार करने के लिए अवगत कराया गया। 
 
रामीश इंस्टिट्यूट के एसोसिएट प्रो. डॉ प्रदीप कांत पचौरी, सुभारती यूनिवर्सिटी मेरठ के एसोसिएट प्रो.गणेश मिश्रा,डॉ रमेश एवं प्रदेश के विभिन्न जनपदों के फार्मेसिस्टो ने अपने अपने जनपदों में जागरूकता फैलाई और दवाओं के रखरखाव की जानकारी दी।
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