एलडीए में जमीन आवंटन की 45 में से 24 फाइलें गायब
एसटीएफ को भेजी गई 21 फाइलों की रिपोर्ट
लखनऊ। एलडीए में करोड़ों रुपए की जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री कर उन्हें बेचने के मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। एलडीए द्वारा कराई गई आंतरिक जांच में सामने आया है कि जिन 45 विवादित प्लॉटों की जानकारी मांगी गई थी, उनमें से सिर्फ 21 की फाइलें रिकॉर्ड में मौजूद हैं। बाकी की 24 फाइलें गायब हैं।
दरअसल, एसटीएफ ने लखनऊ से 6 लोगों को पकड़ा था। यह लोग एक गैंग बना कर एलडीए के प्लॉटों की फर्जी रजिस्ट्री बनाकर भोले-भाले लोगों को बेचते थे। जिन 6 लोगों को गिरफ्तार किया था, उनमें अचलेश्वर गुप्ता उर्फ बबलू, मुकेश मौर्य उर्फ रंगी, धनंजय सिंह, राम बहादुर सिंह, राहुल सिंह, सचिन सिंह उर्फ अमर सिंह राठौर शामिल थे।
आरोपियों से 23 रजिस्ट्री के कागजात, बैंक पासबुक, चेक बुक, सीपीयू, मॉनिटर, क्रेटा और इनोवा कार बरामद की थी। पकड़े गए आरोपियों के पूछताछ के बाद एसटीएफ ने लखनऊ विकास प्राधिकरण को पत्र भेजकर 45 प्लॉटों से जुड़ी जानकारी मांगी थी। यह वह प्लाट थे, जिन्हें गैंग के सदस्यों ने बेचा था।
एसटीएफ के पत्र के बाद प्राधिकरण ने जब इस मामले की जांच शुरू की, तो उनके रिकार्ड से 24 फाइल नहीं मिली। कई बाबुओं को इसे ढूंढने के लिए लगाया गया, फिर भी फाइल की जानकारी नहीं मिल पाई। अब आशंका जताई जा रही है कि यह किसी बड़े संगठित गिरोह की करतूत हो सकती है, जिसमें एलडीए के कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं।
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