मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने महादेवघाट में लगाई आस्था की डुबकी
रायपुर। मकर संक्रांति का पर्व आज सोमवार को छत्तीसगढ़ में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। ऐसे तो हर साल मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाया जाता है लेकिन द्रिक पंचांग के अनुसार इस वर्ष 2024 में सोमवार, 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जा रही है। इस दिन स्नान-दान और सूर्य की उपासना का बहुत महत्व है।
महादेव घाट पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डूबकी
महादेव घाट पर सुबह से स्नान करने के लिए श्रद्धालु पहुंचे और आस्था की डुबकी लगाई। भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। स्नान करके हाटकेश्वर महादेव का दर्शन करके परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना की। नदी में स्नान करने का सिलसिला सुबह से शुरू हुआ जो दोपहर तक चलता रहेगा।
पतंग उड़ाने अलसुबह छतों पर चढ़े लोग
सुबह से ही मकर संक्रांति पर लोग छतों पर चढ़े और पतंगबाजी करने लगे। वो काटा, वो मारा के शोर के बीच तिल के लड्डू और कचौरी-पकौड़ी के नाश्ते के बीच लोग जमकर पतंगबाजी कर रहे हैं।
मकर संक्रांति पर दान-दक्षिणा का विशेष महत्व
नदियों में आज श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाने का बहुत महत्व है। मकर संक्रांति पर दान-दक्षिणा का भी खास महत्व होता है। मकर संक्रांति पर स्नान के बाद ही दान करने की परंपरा है। दान तभी पुण्यकारी माना जाता है कि, जब इसे सही मुहूर्त और विधि से किया जाता है। माहपुण्य काल में ही दान करना उत्तम है।
मकर संक्रांति का ज्योतिषीय महत्व
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का काफी महत्व होता है। वैदिक ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मकर संक्रांति पर सूर्य देव अपने पुत्र शनिदेव से मिलने के लिए स्वयं उनके घर जाते हैं। आपको बता दें कि सूर्यदेव हर एक माह में राशि बदलते हैं। सूर्य के राशि बदलने को ही संक्रांति कहते हैं। मकर राशि के स्वामी शनिदेव होते हैं। इस कारण से इसे मकर संक्रांति कहते हैं। मकर संक्रांति पर सूर्य और शनिदेव की आराधना करने से पर जीवन से सभी तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं।
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