राशन कार्डधारियों के लिए मुसीबत बना ओटीपी, राशन के बिना लौटना पड़ रहा

राशन कार्डधारियों के लिए मुसीबत बना ओटीपी, राशन के बिना लौटना पड़ रहा

बलरामपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राशन कार्ड में ओटीपी का आदेश जनता के लिए मुसीबत बन चुका है। इस आदेश से ग्रामीण अंचल हो या शहर सभी जगहों पर काफी समस्या उत्पन्न हो रही है। जहां नेटवर्क हमेशा धीमा चलता है अथवा लंबे समय तक गायब रहता है ऐसे में राशन दुकानदारों तथा राशन लेने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, न केवल गांव में बल्कि शहर में भी ओटीपी नंबर आने में एक दिन लग जा रहें हैं। लोग बोरा-थैला लिए दिन भर राशन दुकान के सामने बैठे रहते हैं। कई लोगों को तो चार दिन बाद राशन मिला है। यहां के राशन लेने वाले या बांटने वाले दोनों का कहना है की फिंगरप्रिंट वाला सिस्टम ही ठीक था जिसमें 150-200 ग्राहक को प्रतिदिन राशन मिल जाया करता था वहीं अब तो 10-15 को भी नही मिल पा रहा है।

शासन द्वारा 1 जून से चावल उत्सव मनाया जा रहा है। इसके लिए विगत माह आदेश भी जारी किया गया है कि जून, जुलाई व अगस्त 3 माह का राशन एक साथ कार्ड धारियों को दिया जाएगा, लेकिन आदेश जारी करने के बाद नियम में बदलाव करने से अब अंगूठे से नहीं, बल्कि मोबाइल में ओटीपी आने से ही राशन मिलेगा। तीन माह के लिए छह बार ओटीपी आने पर ही हितग्राही राशन के हकदार होंगे। जगह का अभाव होने पर कई स्थानों पर तो तीन माह का राशन का भंडारण नहीं हुआ है। ऐसे में भला हितग्राहियों को एक साथ तीन माह का विक्रेता राशन कैसे देंगे।

रामानुजगंज के राशन विक्रेता शबीर ने बताया कि, 19 जून से नया ई-पॉश मशीन हमलोगों को शासन की ओर से मिल गया है उसके बाद भी राशन वितरण करने में आसानी नही हो रही है, क्योंकि नेटवर्क समस्या ज्यादा है, सर्वर में बहुत दिक्कतें आ रही है। वर्तमान में जहां-जहां भी राशन वितरण शुरू किया गया है, वहां ओटीपी से ही राशन वितरण हो रहे हैं। ओटीपी से राशन वितरण करना विक्रेताओं के लिए व कार्डधारी के लिए चुनौती बन गया है। एक घंटे में बमुश्किल 2 लोगों को ही राशन वितरण कर पा रहे हैं।

राशन डीलर के अनुसार, रामानुजगंज में लगभग 2100 कार्डधारी हैं, इसमे 235 लोगो को राशन वितरण किया जा सका है। ऐसे में आने वाले दो तीन माह में भी राशन वितरण नहीं किया जा सकेगा। ऐसी स्थिति सिर्फ शहर की ही नहीं है। आसपास गांव में भी गिने-चुने विक्रेताओं द्वारा राशन वितरण की प्रक्रिया शुरू तो की गई है, लेकिन प्रक्रिया जटिल होने पर गिनती भर के राशन कार्डधारियों को राशन दिया जा रहा है। अगर किसी को पूरा राशन मिल भी रहा है तो आधार से जुड़ा रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर पांच से छह बार की ओटीपी आने पर ही हितग्राहियों को राशन मिल पा रहा है।

ओटीपी की वैधता हो जाती है समाप्त
जो बिना मोबाइल लिए राशन लेने शासकीय उचित मूल्य की दुकान पहुंच रहे हैं, उनके लिए राशन लेना टेढ़ी खीर है। दरअसल, ओटीपी तो कई बार 5 मिनट में तो कई बार 10 मिनट में हितग्राहियों के मोबाइल में पहुंचता है। जिसकी वैधता 10 मिनट ओटीपी में लिखा जरूर आता है, लेकिन ई-पॉश मशीन में 30 से 35 सेकंड के बाद ओटीपी की वैधता समाप्त हो जाती है। ऐसे में कार्डधारी हितग्राही विक्रेताओं पर अपना गुस्सा भी उतार रहें हैं। विक्रेताओ को प्रतिदिन किसी न किसी हितग्राही से विवाद की स्थिति बन ही जा रही है।

इस सम्बंध में सहायक खाद्य अधिकारी ने आज गुरुवार को बताया कि, पहले जिस मशीन से राशन वितरण किया जाता था उसके स्थान पर अब ई-पॉश मशीन आ गया है। इसमें सर्वर की समस्या लगभग जगहो पर हो रही है जिससे राशन वितरण में काफी समस्या आ रही है। इसके बारे में उच्च अधिकारियों से बातचीत चल रही है जल्दी कोई समाधान निकाल लिया जाएगा।


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