राजनाथ सिंह चीन में आतंकवाद पर गरजे, शंघाई सहयोग संगठन से निंदा का आह्वान
किंगदाओ (चीन)। भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह चीन के किंगदाओ शहर में आहूत शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के दो दिवसीय सम्मेलन में आतंकवाद पर गरजे हैं। सिंह ने कहा कि एससीओ को आतंकवाद की निंदा करनी चाहिए। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय ने एक्स हैंडल पर उनके दिए भाषण और फोटो आज सुबह साझा किए हैं।
सिंह ने कहा कि सीमापार आतंकवाद सहित आतंकवाद के अन्य निंदनीय कृत्यों के अपराधियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने की आवश्यकता है। आतंकवाद का हर कृत्य आपराधिक और अनुचित है। एससीओ सदस्यों को इस बुराई की स्पष्ट रूप से निंदा करनी चाहिए।
उन्होंने एससीओ सम्मेलन में 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले का भी जिक्र किया। सिंह ने कहा कि पहलगाम हमले का तौर तरीका भारत में लश्कर-ए-तैयबा के पिछले आतंकी हमलों से मिलता-जुलता है। उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवाद से बचाव और सीमापार से होने वाले आतंकी हमलों को रोकने के अपने अधिकार का प्रयोग किया। भारत ने 07 मई को ऑपरेशन सिंदूर के जरिए सीमापार के आतंकी ढांचे को नष्ट किया।
रक्षामंत्री सिंह ने साफ किया कि पहलगाम में आतंकी समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने निर्दोष पर्यटकों पर हमला किया। इसमें एक नेपाली नागरिक सहित 26 निर्दोष नागरिक मारे गए। पीड़ितों को धार्मिक पहचान के आधार पर गोली मारी गई। संयुक्त राष्ट्र लश्कर-ए-तैयबा को आतंकी समूह घोषित कर चुका है। द रेजिस्टेंस फ्रंट इसी लश्कर से संबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से लड़ेगा।
उन्होंने कहा कि आतंकवादी तकनीक का इस्तेमाल करने लगे हैं। आज जरूरत इस तकनीक का मुकाबला करने की भी है। इस तकनीक में सीमापार से हथियारों और ड्रग्स की तस्करी के लिए ड्रोन शामिल हैं। सिंह ने कहा कि हमारी परस्पर जुड़ी दुनिया में पारंपरिक सीमाएं अब खतरों के खिलाफ एकमात्र बाधा नहीं हैं। हम सभी चुनौतियों के एक जटिल जाल का सामना कर रहे हैं। इसमें अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और साइबर हमलों से लेकर हाइब्रिड युद्ध तक शामिल हैं।
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