सिंधु जल संधि: भारतीय शर्तों पर बातचीत को तैयार पाकिस्तान
नई दिल्ली। बीते 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर भारत द्वारा 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित करने के कुछ सप्ताह बाद, पाकिस्तान ने इस संधि के बारे में नई दिल्ली की दीर्घकालिक चिंताओं पर चर्चा करने की इच्छा का संकेत दिया है। सूत्रों की माने, तो पाकिस्तान के जल संसाधन सचिव सैयद अली मुर्तजा ने संधि के निलंबन पर भारत सरकार की औपचारिक अधिसूचना का जवाब दिया है।
अपनी भारतीय समकक्ष देबश्री मुखर्जी को लिखे पत्र में, मुर्तजा ने नई दिल्ली द्वारा उठाई गई विशिष्ट आपत्तियों पर चर्चा करने के लिए अपनी सरकार की तत्परता व्यक्त की। उन्होंने भारत के कदम के कानूनी आधार पर भी सवाल उठाया कि संधि में कोई निकास संबंधी खंड नहीं है। हालांकि, भारत सरकार अपने फैसले पर अड़ी हुई है। वहीं, जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने इस घटनाक्रम पर आधिकारिक रूप से टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन सरकारी सूत्रों ने संकेत दिया कि मौजूदा परिस्थितियों में, भारत की स्थिति में बदलाव की संभावना नहीं है।
संधि को निलंबित करने का निर्णय जम्मू कश्मीर को लगातार निशाना बनाकर सीमा पार से होने वाले आतंकवाद के कारण लिया गया था। 24 अप्रैल को लिखे पत्र में मुखर्जी ने मुर्तजा को सूचित किया था कि संधि के तहत प्रस्तावित वार्ता में शामिल होने से पाकिस्तान का इनकार और आतंकवाद को लगातार प्रायोजित करना संधि का उल्लंघन है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि स्थगित कर दी गई थी तब से लेकर अब तक भारत ने अपनी और से कोई भी समझौता करने से इनकार किया है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार इस्लामाबाद सिंधु जल संधि को लेकर भारतीय शर्तो पर बातचीत को तैयार हुआ है। हालांकि, मुर्तजा ने निर्णय के आधार पर सवाल उठाया हैं भारत की आपत्तियों पर चर्चा करने को तैयार पाकिस्तान की पेशकश महत्वपूर्ण हैं क्योंकि जनवरी 2023 और सितम्बर 2024 में भारत की और से नोटिस देने के बावजूद पाकिस्तान किसी भी फैसले से मुकर रहा था।
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