अमेरिका से 119 अप्रवासी भारतीयों को ले दूसरा विमान अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचा

अमेरिका से 119 अप्रवासी भारतीयों को ले दूसरा विमान अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचा

अमृतसर: अमेरिका से 119 अप्रवासी भारतीयों को साथ लेकर चला विमान अमृतसर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंच गया है। अमृतसर के पुलिस कमिश्नर और DC समेत तमाम अधिकारी एयरपोर्ट पर पहुंचे हैं।
 
क्या है मामला?
अमेरिकी अधिकारियों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आदेश के तहत अवैध आव्रजन पर कार्रवाई की है, जिसके तहत 119 भारतीय निर्वासित लोगों के दूसरे बैच को लेकर एक विमान शनिवार देर शाम अमृतसर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा है। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, निर्वासित किए जा रहे 119 भारतीयों में से 67 पंजाब से, 33 हरियाणा से, आठ गुजरात से, तीन उत्तर प्रदेश से, दो-दो गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान से और एक-एक हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से हैं।
 
दूसरे बैच में चार महिलाएं और दो नाबालिग शामिल
सूत्रों ने बताया कि भारतीय निर्वासित लोगों के दूसरे बैच में चार महिलाएं और दो नाबालिग शामिल हैं, जिनमें एक छह साल की लड़की भी शामिल है, क्योंकि इसमें कहा गया है कि अधिकांश निर्वासित लोग 18 से 30 वर्ष की आयु के हैं। विशेष रूप से, 157 निर्वासित लोगों को ले जाने वाला तीसरा विमान भी रविवार को उतरने की उम्मीद है।
 
विशेष रूप से, 104 भारतीय निर्वासित लोगों के साथ अमेरिकी सैन्य विमान 5 फरवरी को अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा था। अमेरिका द्वारा निर्वासित अवैध भारतीय प्रवासियों में से एक के परिवार के सदस्य का कहना है, "वह 27 जनवरी को अमेरिका पहुंचे। उन्होंने अपनी जमीन बेच दी। वे अपने रिश्तेदार के घर पर रह रहे हैं। हमने 50-55 लाख रुपये खर्च किए हैं।"
 
भगवंत मान ने साधा पीएम मोदी पर निशाना
इस मामले को लेकर पंजाब के सीएम भगवंत मान ने पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'बीजेपी सरकार पंजाब पर अपनी हार का गुस्सा निकाल रही है, लेकिन एक भी काम पंजाब के हक में नहीं किया। प्रधानमंत्री जी जवाब दें कि अपने दोस्त ट्रंप के आगे अपने नागरिकों के समर्थन में बात क्यों नहीं की?'
 
 

About The Author

Tarunmitra Picture

‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

अपनी टिप्पणियां पोस्ट करें

टिप्पणियां