हर्षोल्लास के साथ न्यू स्टैंडर्ड पब्लिक स्कूल में मनाया गया लोहड़ी पर्व

हर्षोल्लास के साथ न्यू स्टैंडर्ड पब्लिक स्कूल में मनाया गया लोहड़ी पर्व

लालगंज/रायबरेली । शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी एवम् विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए समर्पित शैक्षणिक संस्थान न्यू स्टैण्डर्ड पब्लिक स्कूल लालगंज रायबरेली में  लोहड़ी का पर्व बड़े ही धूम धाम और भव्य तरीके से मनाया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि विद्यालय के प्रबंधक डा.शशिकांत शर्मा मौजूद रहे। विद्यालय के प्रधानाचार्य शिवांग अवस्थी  ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया । तत्पश्चात् अलाव जलाकर लोहड़ी पर्व की पूजा की गई। साथ ही सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने उपस्थित रहकर बच्चों द्वारा प्रस्तुत किये गये कार्यक्रमों का भरपूर आनन्द लिया। विद्यालय के बच्चों द्वारा पतंग  प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमे सभी बच्चों ने बड़ी ही सुन्दर- सुन्दर पतंगें उड़ाई।
कार्यक्रम के अन्त में विद्यालय के प्रबन्धक ने अपने संबोधन में बच्चों को बताया कि
पंजाबियों के लिए लोहड़ी उत्सव खास महत्व रखता है। जिस घर में नई शादी हुई हो या बच्चे का जन्म हुआ हो, उन्हें विशेष तौर पर लोहड़ी की बधाई दी जाती है। घर में नव वधू या बच्चे की पहली लोहड़ी का काफी महत्व होता है। इस दिन विवाहित बहन और बेटियों को घर बुलाया जाता है। ये त्योहार बहन और बेटियों की रक्षा और सम्मान के लिए मनाया जाता है। वक्त के साथ यह सबसे खूबसूरत चीज देखने को मिली है कि परिवार वाले अब पहली लड़की के जन्म पर भी काफी धूमधाम से लोहड़ी का त्योहार मनाते हैं। इसको मानने का मुख्य कारण पंजाब प्रांत में लोहड़ी को फसल कटाई की खुशी में भी मनाया जाता है । इस दौरान आग का अलाव लगाया जाता है और इसमें गेंहू की बालियों को अर्पित किया जाता है इस अवसर पर पंजाबी समुदाय के लोग भांगड़ा करते हैं और खूब नाचते-गाते हैं लोहड़ी के दिन अग्नि के आसपास घेरा बनाकर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनने की परंपरा है। और अंत में 
 सभी को लोहड़ी, मकरसंक्रान्ति की बहुत-बहुत शुभकामनाएं दी।संपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन सुभाष हाऊस के सदस्यों व आर्ट- क्राफ्ट विभाग  का कार्य सरहनीय रहा।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य सहित सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

Tags:

About The Author

Tarunmitra Picture

‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

Related Posts

अपनी टिप्पणियां पोस्ट करें

टिप्पणियां