फर्जीवाड़ा: नकली किसान, अनजान खरीददार...सब गोलमाल है!
-सरोजनीनगर क्षेत्र के जालिम खेड़ा गांव की कीमती जमीनों पर किसकी टेढ़ी नज़र
-सूत्रों की मानें आलिया डेवलपर्स उपनिबधंन कार्यालय में करा रहा फर्जी बैनामा
-डीएम, एडीएम प्रशासन, एसडीएम से नहीं हो सका संपर्क, राजस्व परिषद में भी घनघनाया
लखनऊ, सरोजनीनगर। एक तरफ योगी सरकार रियल स्टेट कारोबार से जुडेÞ भ्रष्ट व अनियमितताओं से पूर्ण माफियाओं के सिंडिकेट पर जांचोपरांत दोषी पाये जाने क्रमवार बुल्डोजर चलवाकर सख्त कार्रवाई करती जा रही है तो वहीं दूसरी ओर राजधानी मुख्यालय से चंद दूरी पर स्थित सरोजनी नगर क्षेत्र में कुछ तथाकथित दलालों ने एक किसान की बेशकीमती जमीन की फर्जी रजिस्ट्री करा दी। वहीं मामले का पदार्फाश होने पर किसान की तहरीर के बाद जालसाजों पर मुकदमा दर्ज कर एक अभियुक्त को जेल भेजा जा चुका है। बता दें कि सरोजनी नगर तहसील क्षेत्र के जालिम खेड़ा गांव निवासी सर्वेश कुमार किसान हैं जिनकी गांव मे इनकी ठीक-ठाक कृषि योग्य जमीन है
जिस पर आलिया कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर्स की नियत खराब हो गई। किसान सर्वेश कुमार के बेटे अमित कुमार की मानें तो गत 16 अक्टूबर को उप्र निबंधक कार्यालय सरोजनी नगर से जानकारी प्राप्त हुई की भूमि खसरा संख्या 1005 से रकबा 0.2180 हेक्टर जमीन सोनी मिश्रा पुत्री रमाशंकर मिश्रा पत्नी राहुल खरका निवासी ई 5432 सेक्टर 11 राजाजीपुरम लखनऊ के नाम बैनामा निष्पादित कर दिया गया। सूचना मिलने के कुछ ही समय के अंतराल में उप निबंधक कार्यालय में पहुंचकर उक्त डेवलपर्स के मास्टरमाइंड उत्तम सिंह उर्फ राहुल पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया गया था।
जबकि उसका दूसरा साथी जो किसान सर्वेश कुमार के वेशभूषा में जमीन विक्रय कर रहा था और वो मौके से भागने में कामयाब हो गया था जो आज भी फरार चल रहा। वहीं राजधानी के तहसील क्षेत्र से जुडेÞ इस गंभीर प्रकरण पर जब एडीएम प्रशासन शुभि सिंह को उनके सीयूजी नंबर पर कॉल किया गया तो बताया गया कि आज मंगलवार है और मुख्य सचिव साहब की वीसी चल रही। डीएम सूर्यपाल गंगवार के नंबर पर भी संपर्क नहीं हो पाया, जबकि एसडीएम सरोजनीनगर तहसील सचिन वर्मा के सीयूजी नंबर पर कॉल नहीं रिसीव हुआ। इसके अलावा चेयरमैन राजस्व परिषद हेमंत राव के कार्यालय में भी कॉल किया गया तो संपर्क नहीं हो सका।
किसानों को पहले फुसलाते हैं, फिर शुरू करते हैं फर्जीवाड़ा!
लखनऊ में रियल एस्टेट कारोबारीयो में सुमार आलिया कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर्स का भी नाम आता है लेकिन कहावत है कि हाथी के दांत दिखाने की और खाने के और होते हैं। सूत्रों की मानें तो आलिया कंस्ट्रक्शन ने जमीन खरीद-फरोख्त में शातिर मास्टरमाइंडों को कंपनी में शामिल कर रखा है जोकि पहले किसानों को पहले कुछ ले-देकर फुसलाकर दबाव डालकर जमीन का कुछ अंश बैनामा करा लेते हैं उसके बाद किसान को खबर भी नहीं लगेगी कि उनके खाते की कहां की जमीन कब बेच दी गई। जानकारी हो भी गई तो कोर्ट कचहरी के चक्कर लगवा कर किसान को इतना परेशान कर देंगे तो वो खुद कुछ औना-पौना रकम लेकर मामले से हटना ही बेहतर समझता है।
जमीन फर्जीवाडे का शिकार हुए पीड़ित किसान सर्वेश कुमार के बेटे अमित कुमार का कहना है कि आलिया कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर्स द्वारा लिए बैंक कर्ज की भी जांच होनी चाहिए क्योंकि जो कंपनी किसानों की भूमि हड़प सकती है वो बैंकों में फर्जी कागजात पेश कर करोड़ों रुपए कर्ज भी ले सकती है। पीड़ित की मानें तो फाइनेंसर के विषय में पता चला कि आलिया कंस्ट्रक्शन द्वारा रखे गए फाइनेंसर शमीम खान ने फर्जी तरीके से जमीन के कागजात लगाकर अच्छा खासा बजट पास कर कंपनी को फायदा पहुंचाया है। वहीं इस प्रकरण पर एसीपी कृष्णानगर से कहा कि जमीन से जुडेÞ ऐसे कई मामले आते हैं, बोले कि यह मामला आपके जरिये संज्ञान में आया है अब इसको आगे दिखवाते हैं।
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