सिराज के उगाये काला नमक चावल का स्वाद और खुशबू का विदेशी भी उठा रहे लुत्फ़
50 टन कालानमक चावल भेजने के लिए सरकार ने दी है अनुमति
शुगर पेसेंट भी इस चावल को खा सकते हैं, कोई खतरा नहीं
बस्ती - जिले के प्रगतिशील किसान सिराज अहमद ने कृषि के क्षेत्र में देश के अलावा विदेशों में भी अपना डंका बजा दिया है, इन्होने जिले में ही कालानमक चावल की सीड तैयार की है, जिसकी डिमांड देश के अलावा विदेशों में भी है, विदेशी किसान बस्ती के कालानमक चावल के सीड से कालानमक चावल की अच्छी पैदावार कर रहे हैं, जिसके चलते बस्ती के कालानमक चावल की महक विदेशों में खुशबू बिखेर रही है।
प्रगतिशील किसान मोहम्मद सिराज अहमद ने बताया कि वे लगभग चार वर्ष से कालानमक धान पर काम कर रहे हैं,चार साल से इसे तीन जनपद में गोंडा, बस्ती, सिद्धार्थनगर में इसका ट्रायल किए और ट्रायल करने के बाद में उपलब्धि मिली।
सिराज अहमद बताते हैं कि उन्हें आई ए आर आई दिल्ली से कालानमक का सीड दिया गया था, उसी सीड से उन्होने फाउंडेशन तैयार किया और उसी सीड से रिसर्च किया। रिसर्च करने के बाद आज वो इसे किसानों को दे रहे हैं। कहा कि अभी उन्होने कालानमक की सीड छत्तीसगढ़, उड़ीसा, हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, रायपुर सीड भेजा है और अपने प्रदेश में भी सैकड़ों किसानों को बाई पोस्ट उन्होने सीड भेजा है।
प्रगतिशील किसान सिराज कहते हैं कि वे देखते हैं कि सबसे ज्यादा बीमारियां गरीबों के घरों में, अमीरों के घरों में हर जगह है, हमने जब सुना कि कालानमक धान को खाने से बीमारियां कम आती है, कहते हैं कि शुगर पेसेंट एक हिम्मत सिंह साहब हैं सुलतानपुर के अगले वर्ष जब हमने उन्हें दिया तो एक साल इसको खाने के बाद जब हमारे घर आए तो उन्होने कहा कि जब से हम कालानमक चावल खा रहे हैं, तब से हमारा सुगर का लेबल ठीक हो गया है, बिना किसी दवा के। जिसके बाद हमें लगा इसमें कॉपर है, जिंक है, प्रोटीन है, विटामिन ए है, तो छोटा किसान, मझौलिया किसान इसको पैदा करेगा उसके बच्चे खाएंगे, परिवार के लोग खाएंगे तो सुखी रहेंगे और स्वस्थ रहेगें। बताते हैं कि इसे सुगर के पेसेंट भी खा सकते हैं, इससे उन्हें कोई खतरा नहीं है
सिराज बताते हैं कि भारत सरकार ने अभी 50 टन कालानमक चावल विदेश भेजने के लिए अनुमति दी है, बताते हैं कि अगले साल 30 टन चावल सिंगापुर गया था। इस साल भी 50 टन चावल विदेश जा रहा है।
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