इस मशीन में दो बूंद पानी डालते ही 30 सेकेंड में पता चल जाएगा पीने लायक है या नहीं

इस मशीन में दो बूंद पानी डालते ही 30 सेकेंड में पता चल जाएगा पीने लायक है या नहीं

कानपुर : आईआईटी कानपुर की इंक्यूबेटेड कंपनी क्लुक्स ने एक ऐसी डिवाइस तैयार की है जो महज 30 सेकेंड में ही बता देगी कि पानी कितना शुद्ध है?. यानी पानी में पीएच स्तर के अलावा, हार्डनेस, इलेक्ट्रिकल कंडेक्टिविटी, टीडीएस, लेड-हैवी मेटल्स समेत कई अन्य जानकारियां भी एक क्लिक पर ही मिल सकेंगी. कंपनी के चीफ रेवेन्यू ऑफिसर वीआर राजेश ने बताया कि हम इस डिवाइस को लेकर जल शक्ति मंत्रालय से लगातार संपर्क में हैं. इसके बाद भारत के 6.5 लाख गांवों तक इसे पहुंचाने का हमारा लक्ष्य है.

देश के प्रमुख राज्यों के बाजारों में पहुंची डिवाइस : वीआर राजेश ने बताया कि अब भारत के सभी प्रमुख राज्यों के बाजारों तक यह जल गुणवत्ता विश्लेषक डिवाइस पहुंच गई है. इस डिवाइस की कुल कीमत 45 हजार रुपये है. वहीं, इस डिवाइस को बनाने में करीब 1.5 साल का समय लगा. सभी संदर्भित मंत्रालयों व विभागों से सर्टिफिकेट भी मिल गए हैं. जबकि डिवाइस को तैयार करने में आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने भी अहम भूमिका निभाई है. केवल दो बूंद पानी डिवाइस में भेजकर ही पानी की पूरी जानकारी हासिल की जा सकती है.

हरियाणा सरकार ने सभी शहरों में डिवाइस के उपयोग को दी मंजूरी : वीआर राजेश ने बताया कि हरियाणा सरकार ने अपने सभी शहरों में डिवाइस के उपयोग को मंजूरी दे दी है. यह डिवाइस पूरी तरह से पोर्टेबल है. इसलिए आमजन इसका आसानी से उपयोग कर सकते हैं. इस डिवाइस को इंटरनेट ऑफ थिंग्स व आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक पर बनाया गया है. उन्होंने बताया कि अब मई में डिवाइस का अपग्रेड वर्जन आ जाएगा. इससे आमजन को कई और खूबियों वाली डिवाइस मिल सकेगी. बोले, हमारी कंपनी आईआईटी कानपुर के साथ ही आईआईटी दिल्ली व आईआईटी भुवनेश्वर में इंक्यूबेटेड है.

 

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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