हर्षोल्लास के साथ मनाया गया बाल संरचना संस्थान इ.का.लालापुर का 34 वाँ वार्षिकोत्सव

वार्षिकोत्सव कार्यक्रम संजोए जाने वाला जीवन का सबसे यादगार पल:दिनेश कुमार  सिंह

हर्षोल्लास के साथ मनाया गया बाल संरचना संस्थान इ.का.लालापुर का 34 वाँ वार्षिकोत्सव

मुख्य अतिथि  ने दीपदान एकांकी के  पात्रों के  कुशल अभिनय की मुक्त कंठ से की प्रशंसा

रामनरेश प्रजापति

शाहगंज। शिक्षा के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान एवं कीर्तिमान स्थापित करने वाले बाल संरचना संस्थान इ.का.लालापुर का 34 वाँ वार्षिकोत्सव कार्यक्रम  गुरुवार को धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जौनपुर के पूर्व डीएम व चित्रकूट के पूर्व कमिश्नर  दिनेश कुमार सिंह एवं मंचासीन अतिथियों का का माल्यार्पण करके स्वागत किया गया।वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं द्वारा विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों एकांकी, कव्वाली,गजल,शिव तांडव,एकल एवं समूह नृत्य प्रस्तुत किए गए।

छात्रों द्वारा प्रस्तुत दीपदान एकांकी से देशभक्ति और देश के प्रति त्याग और बलिदान,मुगलों के जुल्मों - सितम,गुलामी की याददाश्त और जख्म फिर से हरा भरा हो गया।एकांकी की उत्कृष्ट प्रस्तुति में  पन्नाधाय द्वारा  मुगलों से राज्य की रक्षा के लिए कुंवर उदय सिंह  के  स्थान पर अपने ही पुत्र चंदन को उसकी  शैया पर सुलाकर  यमराज को सौंप दिया जिसने उपस्थित लोगों के अंतर्मन को झकझोर कर रख दिया ।आजादी में प्राणों की आहुति और उत्सर्ग के बारे में  दर्शकों को सोचने पर विवश कर दिया। 

अपने संबोधन में मुख्य अतिथि ने  ग्रामीण अंचल में दशकों से शिक्षा के क्षेत्र में  कीर्तिमान स्थापित करने के लिए बधाई दी।पूर्व मंडलायुक्त ने शिक्षकों से संबोधन में कहा कि बच्चों को व्यवहारिक शिक्षा भी प्रदान करनी चाहिए जो मानव जीवन का अभिन्न अंग है। उन्होंने सामाजिक संरचना को स्थापित करने में शिक्षकों व अभिभावकों की अहम भूमिका बताई।पूर्व जिलाधिकारी  ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जौनपुर जनपद हमेशा अग्रणी रहा है । इस जनपद ने देश को सर्वाधिक  आईएएस  देश की सेवा के लिए दिया।

उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रम जीवन की वह उपलब्धि होती है जिसे हम जीवन पर्यंत यादगार के रूप में संजोकर रखते हैं। बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि डॉ उमेश चंद्र तिवारी गुरुजी ने  नैतिकता एवं संस्कार युक्त शिक्षा को आधुनिक समय की जरूरत बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मूल उद्देश्य छात्र-छात्राओं में व्यक्तित्व एवं चरित्र का विकास करना है।

विशिष्ट अतिथि इंटर कॉलेज समोधपुर के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. रणजीत सिंह ने कहा कि  वात्सल्य भाव से युक्त होकर छात्र-छात्राओं को शिक्षित करना शिक्षकों का कर्तव्य है। इससे सनातन धर्म की गौरवशाली परंपरा स्थापित होगी। पश्चात सभ्यता की नकल कर रही युवा पीढ़ी से अच्छाइयों को ग्रहण करने और बुराइयों को छोड़ने की अपील की।आभार  एवं स्वागत भाषण  इंटर कॉलेज समोधपुर के अंग्रेजी प्रवक्ता विनय त्रिपाठी ने किया।

प्रबंधक सुरेश पांडेय ने शिक्षकों से आह्वान किया कि बच्चों को ईमानदारी ,समर्पण और कर्तव्यपरायणता के साथ शिक्षित करें जिससे राष्ट्र के निर्माण में वह अग्रणी भूमिका निभा सकें।प्रबंधक ने छात्रों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ संस्कारित करने पर बल दिया। अध्यक्षता अशोक कुमार पांडेय तथा संचालन दीपक दीक्षित ने किया।इस अवसर पर प्रधानाचार्य संतोष कुमार पांडेय,प्रधानाध्यापक रणविजय सिंह , दुष्यंत मिश्र, पारस नाथ यादव,डॉ रणंजय सिंह,डॉ शाहिद खान, दिनेश यादव प्रधानाचार्य, डॉ. दिनेश कुमार सिंह, श्रीराम यादव, देवेश सिंह,संजय  सिंह भाजपा नेता,इरफान खान, अखिल गुप्ता , आदि उपस्थित रहे।

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