बिना अनुमति महिला का किया गर्भपात, अस्पताल संचालक समेत चार पर मुकदमा
सुल्तानपुर। सरकारी अस्पतालों और प्राइवेट हॉस्पिटलों का गठजोड़ धड़ल्ले से चल रहा है। जहां मरीज की अनुमति के बिना गर्भपात किया जा रहा। मरीज की जान पर बन रही तो मौत की दुकान सजाये बैठे झोलाछाप हाथ खड़े कर देते हैं। ऐसा ही एक मामला नगर के 'ख्वाजा हॉस्पिटल' का प्रकाश में आया है। यहां महिला के गर्भपात के मामले में चार के विरुद्ध कोतवाली नगर में केस दर्ज किया गया है।
जानकारी के अनुसार जिले के मोतिगरपुर थाना अंर्तगत पठखौली गांव निवासी मोहम्मद इस्माइल की गर्भवती पत्नी अमरीन बानो का स्वास्थ्य 23 अक्तूबर को बिगड़ गया। इस्माईल पत्नी को लेकर तत्काल सामुदायिक स्वास्थय केंद्र मोतिगरपुर लेकर गया। वहां हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर सीएचओ रूपम आर्या ने अमरीन को देखा।
इस्माईल का आरोप है कि रूपम ने नगर के प्यारेपट्टी रोड स्थित ख्वाजा हास्पिटल का खुद को एमडी बताते हुए अमरीन को वहां भर्ती कराने के लिए कहा। 27 अक्तूबर को रूपम आर्या अमरीन को ख्वाजा हास्पिटल लेकर पहुंची और यहां तीन दिन तक उसे भर्ती कराकर रूपम ने इलाज किया।
बताया जा रहा है कि तीसरे दिन यहां डाॅ. शहबाज ने अल्ट्रासाउंड करवाने को कहा। इस्माईल अल्ट्रासाउंड के बाद किसी काम से बाहर गया तो इसी समय डाॅ. शहबाज अहमद ने एक महिला (रिंकी) को बुलाकर बिना सहमति के अमरीन का गर्भपात कर दिया जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। बताया जा रहा है कि खून न रुकने पर अस्पताल से अमरीन को बिना कागजात के ही रेफर कर दिया गया। इस्माईल पत्नी को लेकर वाराणसी गए जहां अस्पताल में जांच में पता चला कि अमरीन के पेट में बच्चे का सिर व हाथ मौजूद था।पांच जगह से बच्चेदानी फटी थी। वाराणसी में इलाज के बाद किसी तरह डाक्टरों ने अमरीन की जान बचाई।इस्माईल ने बताया कि इलाज में उसके करीब सात लाख रुपये खर्च हो गए। पत्नी की हालत सुधरने पर इस्माईल ने कोतवाली नगर में रूपम आर्या, डॉ. शहबाज खान, डॉ. नदीम खान व रिंकी के खिलाफ बिना सहमति गर्भपात करने का केस दर्ज कराया है। वही डॉक्टर नदीम खान ने बताया कि उस हॉस्पिटल से मेरा कोई लेना देना नहीं है। न ही इस केस के बारे में मुझे कोई जानकारी है। मैं इस मामले में लीगल एक्शन लूंगा। इस बाबत कोतवाल श्रीराम पांडेय ने बताया कि केस दर्जकर विवेचना की जा रही है।
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