पृथक मिथिला राज्य के गठन को लेकर अभियान चलाना समय की मांग - बैजू
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दरभंगा। भाषा, लिपि, क्षेत्र, जनसंख्या और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के मानक पर खरा उतरते हुए मिथिला पूर्ण राज्य बनने का अधिकार रखता है। मिथिला के सर्वांगीण विकास के लिए अलग स्वतंत्र राज्य का गठन जरूरी है। इसके लिए सक्रिय अभियान चलाया जाना समय की मांग है। इसी संकल्प के साथ विद्यापति सेवा संस्थान के तत्वावधान में 25 से 27 नवंबर तक कवि कोकिल विद्यापति के महानिर्वाण दिवस पर आयोजित तीन दिवसीय मिथिला विभूति पर्व का 51वां समारोह संपन्न हुआ। मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता में यह जानकारी देते हुए विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान साहित्य, संस्कृति एवं राजनीतिक मंच से जुड़े प्रतिभागियों ने ध्वनि मत से प्रस्ताव पारित किया कि आर्थिक, शैक्षणिक एवं राजनीतिक आजादी के लिए पृथक मिथिला राज्य का गठन होना जरूरी है और इसके लिए सक्रिय अभियान चलाया जाना चाहिए। साथ ही मिथिला मैथिली आंदोलन को राजनीतिक कुदृष्टि से बचाने के लिए संस्थान के सदस्यों ने समारोह के दौरान काला विल्ला लगाये रखा। उन्होंने कहा कि इसे लेकर आगामी एक नवंबर को दरभंगा आयुक्त कार्यालय और चार दिसंबर को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जंतर - मंतर पर प्रदर्शन किया जाएगा।
मौके पर मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष कमलाकांत झा ने कवि कोकिल विद्यापति के अवसान दिवस को राजकीय समारोह के रूप में मनाए जाने को लेकर गतिरोध उत्पन्न करने और उनकी पुण्यतिथि को जयंती के रूप में मनाए जाने पर गहरी नाराजगी जताई। मौके पर प्रो. जीवकांत मिश्र, शोभा यात्रा प्रभारी द्वय विनोद कुमार झा एवं प्रो विजय कांत झा, मणिकांत झा, मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा, प्रो चन्द्रशेखर झा बूढ़ा भाई, आशीष चौधरी, दुर्गा नन्द झा, मणिभूषण राजू, पुरुषोत्तम वत्स, हरिकिशोर चौधरी मामा, डॉ. गणेश कांत झा, डॉ. उदय कांत मिश्र, संतोष कुमार झा आदि भी मौजूद थे।
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