सोशल मीडिया टीम की मुस्तैदी से बची युवक की जिंदगी
आपातकालीन ई-मेल के माध्यम से इसकी सूचना दी गई
- सिर्फ 11 मिनट के भीतर मौके पर पहुंच गए उपनिरीक्षक
- मेटा और यूपी पुलिस की जीवन रक्षक साझेदारी
लखनऊ। सोशल मीडिया जहां एक ओर तमाम विवादों का कारण बनता है, वहीं कभी-कभी यह जीवनरक्षक भी बन जाता है। ऐसा ही एक संवेदनशील मामला सामने आया है उत्तर प्रदेश के संभल जनपद से, जहां फेसबुक पर आत्महत्या की पोस्ट डालने वाले युवक की जान मेटा कंपनी के अलर्ट और यूपी पुलिस की फुर्ती से बचा ली गई।
मामला थाना चंदौसी क्षेत्र का है, जहां लगभग 20 वर्षीय एक युवक ने फेसबुक पर आत्महत्या से जुड़ी एक भावनात्मक पोस्ट साझा की। यह पोस्ट मेटा (फेसबुक की मूल कंपनी) की निगरानी प्रणाली के रडार पर आई और मंगलवार देर रात करीब 11:47 बजे कंपनी की ओर से उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी मुख्यालय स्थित सोशल मीडिया सेंटर को एक आपातकालीन ई-मेल के माध्यम से इसकी सूचना दी गई। मामले की गंभीरता को भांपते हुए मुख्यालय ने तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को सतर्क किया। डीजीपी प्रशांत कुमार ने बिना देरी किए युवक की तत्काल सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए। अलर्ट में उपलब्ध मोबाइल नंबर के आधार पर युवक की लोकेशन ट्रेस की गई और संबंधित थाना चंदौसी को तत्काल सूचित किया गया।
पुलिस की तत्परता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सिर्फ 11 मिनट के भीतर उपनिरीक्षक मौके पर पहुंच गए। परिजनों के सहयोग से युवक को तुरंत प्राथमिक उपचार दिया गया। जानकारी में सामने आया कि युवक ने नींद की गोलियों का अत्यधिक सेवन कर आत्महत्या का प्रयास किया था।बाद में युवक से बातचीत में उसने बताया कि वह मजदूरी करता है और लगभग तीन वर्ष पहले उसका अपनी प्रेमिका से ब्रेकअप हो गया था, जिसके कारण वह लंबे समय से मानसिक तनाव और अवसाद से जूझ रहा था। इसी मानसिक स्थिति में उसने यह आत्मघाती कदम उठाया था। पुलिस ने उसकी काउंसलिंग करवाई, जिसके बाद युवक ने भविष्य में ऐसा कदम न उठाने का आश्वासन दिया। युवक के परिजनों ने यूपी पुलिस की तत्परता और संवेदनशीलता के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
गौरतलब है कि वर्ष 2022 से मेटा और उत्तर प्रदेश पुलिस के बीच एक विशेष समझौते के तहत यह व्यवस्था लागू है, जिसके अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति फेसबुक या इंस्टाग्राम पर आत्महत्या से जुड़ी कोई पोस्ट करता है, तो मेटा कंपनी तुरंत पुलिस को ईमेल और फोन के माध्यम से सतर्क करती है। इस विशेष सहयोग के तहत 1 जनवरी 2023 से 15 मई 2025 के बीच ऐसे 926 मामलों में लोगों की जान बचाई जा चुकी है।
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