रांची में भुगतान न होने पर निजी अस्पतालों ने दी इलाज बंद करने की चेतावनी
रांची । आयुष्मान भारत योजना के तहत झारखंड के निजी अस्पतालों में हुए इलाज की करीब 140 करोड़ की राशि बकाया है। यह जानकारी निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की झारखंड इकाई और हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया की झारखंड इकाई के सदस्यों ने रांची के आईएमए भवन में संयुक्ति रूप से संवाददाता सम्मेलन में गुरुवार को दी।
मौके पर सदस्यों ने बताया कि बकाया नहीं मिलने के कारण अस्पताल का संचालन करने में परेशानी हो रही है। इस दौरान सदस्यों ने सरकार से जल्द बकाया भुगतान करने की गुहार लगाई। सदस्यों ने कहा कि अगर सरकार गंभीर नहीं हुई तो धीरे-धीरे सभी निजी अस्पतालों में आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाभुक मरीजों का इलाज बंद हो जाएगा।
एक साल नहीं किया गया बकाये का भुगतान : गंभीर
एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स ऑफ इंडिया झारखंड चैप्टर के पूर्व प्रेसिडेंट योगेश गंभीर ने कहा कि राज्य में करीब 750 निजी अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का इलाज करते थे। कई निजी अस्पतालों को अलग-अलग कारण बताकर लगभग एक साल से और फरवरी 2025 से आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज करने वाले अस्पतालों का बकाया भुगतान नहीं किया गया है। ऐसे में कम पूंजी वाले करीब 150-200 निजी अस्पतालों ने आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाभुक मरीजों का इलाज करना बंद कर दिया है। इसका खामियाजा अंततः योजना के लाभुक मरीजों को उठाना पड़ रहा है।
मौके पर वक्ताओं ने कहा कि एक समस्या एनएएफयू यानी नेशनल एंटी फ्रॉड यूनिट भी है। इलाज के बाद इस यूनिट में डॉक्यूमेंट जमा करने के देरी या छोटी-मोटी अशुद्धियों को भी यह फ्रॉड में काउंट कर लेता है और फिर मामले का निपटारा होने तक पेमेंट पेंडिंग रहता है। वक्ताओं ने कहा कि राज्य में करीब 212 ऐसे निजी अस्पताल हैं, जिन्होंने आयुष्मान के मरीजों का इलाज तो किया, लेकिन एनएएफयू की वजह से पेमेंट नहीं हुआ। स्थिति यह है कि कई अस्पतालों को आरोप मुक्त किए जाने के बाद भी उनका पेमेंट पेंडिंग है।
मौके पर डॉ शंभुनाथ सिंह, डॉ अभिषेक रामदीन, डॉ राजेश कुमार, डॉ अनंत सिन्हा सहित कई चिकित्सक और निजी अस्पताल संचालक उपस्थित थे।
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