आक्रोशित फार्मासिस्टों ने स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य मुख्य सचिव का किया पुतला दहन।

आक्रोशित फार्मासिस्टों ने स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य मुख्य सचिव का किया पुतला दहन।

IMG-20250522-WA0032मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, और स्वास्थ्य सचिव का पुतला दहन...

  पटना ।  बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा किए जा रहे फार्मासिस्ट बहाली का विरोध बी फार्म अभ्यर्थियों द्वारा किया गया। फार्मासिस्ट बहाली में बीफार्म को शामिल नहीं करने को लेकर बीफार्म अभ्यर्थियों द्वारा आक्रोशित होकर मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे और स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत का पुतला दहन किया गया ।

2473 पदों पर जारी विज्ञापन में सिर्फ डीफार्म को मौका दिया गया जबकि बीफार्म फार्मासिस्टों को फार्मासिस्ट बहाली से वंचित कर दिया गया है।

 

बीफार्म अभ्यर्थी दिव्यांशु द्वारा बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा 6 बहाली के लिए बीटीएसी को अधियाचन भेजा गया था जिसमें ईसीजी टेक्नीशियन, लैब टेक्नीशियन, ओटी टेक्नीशियन, xray टेक्नीशियन, स्टाफ नर्स और फार्मासिस्ट शामिल है। फार्मासिस्ट छोड़ बाकी सभी नियमावली में बैचलर और डिप्लोमा को समान अवसर दिया गया है सिर्फ फार्मासिस्ट बहाली में बैचलर को मौका नहीं दिया गया है जो कि हमलोग के साथ सरासर अन्याय है ।

राहुल कुमार ने बताया कि हमलोग बिहार सरकार के ही संविदा पर 7 सालों से शहरी स्वास्थ्य केंद्र पर फार्मासिस्ट के रूप में कार्यरत है और अब जब नियमित बहाली आया तो हमें बहाली से वंचित कर दिया गया है ये कहा से सही है। बीफार्म अभ्यर्थी रवि कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के ही वर्ष 1999, 2006 के नियमित फार्मासिस्ट बहाली और 2013 और 2016 के संविदा बहाली में लगभग 800 बी.फार्म फार्मासिस्ट बिहार के सरकारी अस्पतालों में नौकरी कर रहे है। अचानक से स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियामली बनकर हम सभी को वंचित कर दिया गया है। अभ्यर्थी जयकरण ने बताया कि राज्य सरकार को निबंधित फार्मासिस्ट पद की बहाली फार्मेसी एक्ट 1948 के बाध्यता के वजह से करना होगा है। फार्मेसी एक्ट के अनुसार निबंधित फार्मासिस्ट वे सभी लोग है जिनका नाम राज्य फार्मेसी काउंसिल के रजिस्टर में दर्ज है । बी.फार्म और डी.फार्म दोनों योग्यता वाले लोगों का निबंधन होता है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक अनोखा नियम बनाया गया है जो पूरे देश के नियमावली से अलग है। अर्जेश राज ने बताया कि राज्य के ही दूसरे विभाग ईएसआईसी, कारा विभाग, केंद्र सरकार के एम्स, रेलवे, आर्मी सभी जगह बीफार्म अभ्यर्थियों को लिया जाता है सिर्फ बिहार में ये अनोखा काम किया गया है ।

अभ्यर्थियों ने स्वास्थ्य विभाग से सवाल किया कि धारा 309 के दुरुपयोग कर स्वास्थ्य विभाग ने बीफार्म को बहाली से बाहर किया है तो स्वास्थ्य विभाग ने बिहार में सैकड़ों बी फार्म के कॉलेज क्यों खोलने की अनुमति दिया गया है। राज्य के सभी कॉलेजों बंद कर दे ताकि सरकार के स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लोन से दबे बेरोजगार फार्मासिस्टों का संख्या राज्य में न बढ़े! आक्रोशित अभ्यर्थियों ने बताया कि अगर स्वास्थ्य विभाग बीफार्म फार्मासिस्ट को फार्मासिस्ट बहाली में शामिल नहीं किया तो एक सप्ताह बाद स्वास्थ्य विभाग, स्वास्थ्य मंत्री के आवास और मुख्यमंत्री आवास का भी घेराव किया जाएगा और मांग नहीं माने जाने तक आंदोलन जारी रहेगा। 

पुतला दहन में कमलेश, रोहित राज, दीपक, उमेद, गौरव, मणिकांत, अर्चना, श्वेता, रिया, प्रिया, नेहा सहित सैकड़ों अभ्यर्थी शामिल रहे।

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