दुनिया आतंकवाद से लड़ने को भारत के साथ आए
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की रवानगी पर बोला विदेश मंत्रालय
- अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने की पहलगाम आतंकी हमले की निंदा
- बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते
- भारत में बांग्लादेश के 2369 अवैध अप्रवासी
नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को साप्ताहिक ब्रीफिंग में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की रवानगी समेत तमाम मुद्दों पर जानकारी दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम आतंकवाद से लड़ने के अपने संकल्प को दुनिया तक पहुंचा रहे हैं। हम चाहते हैं कि दुनिया आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से लड़ने के लिए एक साथ आए। उन्होंने कहा कि हम दुनिया से आग्रह करना चाहते हैं कि वे सीमा पार आतंकवाद के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराएं। पाकिस्तान पिछले 40 वर्षों से भारत के खिलाफ आतंकवाद को अंजाम दे रहा है।
उसके कार्यों को उजागर करने की आवश्यकता है। उसे भारत के खिलाफ किए गए आतंकी हमलों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। इसलिए सात प्रतिनिधिमंडल बनाए गए हैं। तीन प्रतिनिधिमंडल रवाना हो चुके हैं। यह एक राजनीतिक मिशन है। चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच त्रिपक्षीय वार्ता पर उन्होंने कहा कि हमने कुछ रिपोर्ट देखी हैं। मुझे इसके अलावा और कुछ नहीं कहना है। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर की अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री के साथ बातचीत पर हमने जानकारी दी थी। विदेश मंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करने के लिए अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री को धन्यवाद दिया। वे कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने पर भी सहमत हुए।
विदेश मंत्री ने हाल ही में झूठी और निराधार रिपोर्टों के माध्यम से भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास पैदा करने के प्रयासों को दृढ़ता से अस्वीकार करने का भी स्वागत किया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत और पाकिस्तान के बीच जंग को समाप्त करने का श्रेय लेने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, कि अपनी पिछली ब्रीफिंग में मैंने इस पर बात की थी। मेरे पास कहने के लिए और कुछ नहीं है। आप हमारी स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि भारत-पाकिस्तान के बीच कोई भी जुड़ाव द्विपक्षीय होना चाहिए। बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते। आतंकवाद के मामले में हम उन कुख्यात आतंकवादियों को भारत को सौंपने पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं जिनकी सूची कुछ साल पहले पाकिस्तान को दी गई थी।
उन्होंने कहा कि मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि जम्मू और कश्मीर पर कोई भी द्विपक्षीय चर्चा केवल पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करने पर होगी। सिंधु जल संधि भी तब तक स्थगित रहेगी जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता। जैसा कि हमारे प्रधान मंत्री ने कहा है कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते। भारत में लंबे समय से अवैध प्रवासी रह रहे हैं। इसमें से बांग्लादेश के 2369 से अधिक अवैध प्रवासियों को निर्वासित किया जाना है। इसके लिए हमने बांग्लादेश से उनके सत्यापन और उनको वापस लेने के लिए कहा है। इसमें कई प्रवासी ऐसे हैं जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है। जबकि कई का 2020 से सत्यापन लंबित है। बांग्लादेश इस पर जल्द कार्रवाई करे।
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