वाराणसी में साइबर फ्रॉड के 2000 से अधिक मामलों का निस्तारण
2.95 करोड़ रुपये की राशि पीड़ितों को वापस दिलाई गई
पुलिस कमिश्नर ने साइबर थाना के कार्यों की मासिक समीक्षा में अपराधों की रोकथाम में जन भागीदारी पर दिया जोर
वाराणसी। पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी के पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने गुरुवार शाम साइबर सेल एवं साइबर थाने की मासिक समीक्षा बैठक में कहा कि साइबर अपराधों से निपटने के लिए सिर्फ तकनीकी साधनों का इस्तेमाल पर्याप्त नहीं है, बल्कि नागरिकों की सतर्कता और सक्रिय भागीदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। पुलिस बल अपनी भूमिका को पूरी निष्ठा से निभा रही है। उन्होंने जानकारी दी कि वर्ष 2025 में अब तक साइबर, ऑनलाइन बैंकिंग एवं यूपीआई फ्रॉड के 2000 से अधिक मामलों का सफल निस्तारण किया गया, जिसके अंतर्गत ₹2,95,50,122/- (दो करोड़ पंचानवे लाख पचास हजार एक सौ बाईस रुपये) की राशि पीड़ितों को वापस दिलाई गई है।
बैठक में साइबर सेल व साइबर थाना के उपलब्धियों को गिनाया
पुलिस कमिश्नर ने बैठक में बताया कि वर्ष 2025 में अब तक साइबर थाना/सेल ने साइबर अपराध के पंजीकृत 20 अभियोगों में 14 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की । तथा साइबर अपराध गैंग के 09 सदस्यों पर गैंगेस्टर की एवं 10 साइबर अपराधियों के विरूद्ध निरोधात्मक कार्यवाही भी की। संदिग्ध मोबाईल नम्बरों का परीक्षण कर 310 संदिग्ध मोबाईल नम्बरों की जांच कर उन्हे अवरोधित कराया गया, जिससे वित्तीय ठगी व साइबर अपराधों की रोकथाम सम्भव हुई । उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर फर्जी प्रोफाइल्स/आईडी की शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही कर 50 से अधिक मामलों में प्रोफाईल हटवाकर शिकायतकर्ताओं को राहत दी गई ।
गिरफ्तार हुए साइबर अपराधियों व उनके गैंग के सदस्यों के विरूद्ध गैंगेस्टर की कार्यवाही कर उनकी चल-अचल सम्पत्ति का जब्तीकरण,साइबर अपराधियों की सतत निगरानी के लिए सम्बन्धित जनपदों के पुलिस अधीक्षकों से समन्वय स्थापित कर उनके हिस्ट्रीशीट खोले जाने के लिए सीपी ने निर्देशित किया ।
साइबर-अपराध से बचाव के लिए व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाने का निर्देश
पुलिस कमिश्नर ने साइबर अपराधों की जानकारी व बचाव के उपायों के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए व्यापक व प्रेरणादायक अभियान चलाने पर बल दिया। शैक्षणिक संस्थानों (स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालय) में समय-समय पर कार्यशालाएं आयोजित कर छात्रों को लाइव डेमो व केस स्टडी के जरिए सतर्क करने को कहा गया। बच्चों और किशोरों को “साइबर सेफ किड्स” के माध्यम से उन्हें अन्जान ऑनलाइन दोस्तों और गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर ठगी से बचने के लिए सजग रहने पर खास जोर दिया गया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शॉर्ट टिप्स प्रसारित करने पर जोर
सीपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि) पर वीडियो इंफोग्राफिक्स व शॉर्ट टिप्स प्रसारित कर जागरूकता फैलाने,ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में एनीमेटेड वीडियो और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से साइबर सुरक्षा संदेश प्रभावी व मनोरंजक ढंग से प्रसारित करने को कहा।
साइबर फ्राड होने पर क्या करें,पहले 24 घंटे अहम
साइबर फ्रॉड/अपराध की स्थिति में प्रथम 24 घण्टे अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं, तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें या निकटतम थाने जाकर रिपोर्ट दर्ज करें । cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें । यह पोर्टल हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है । सम्बन्धित बैंक को तुरंत सूचित कर खाता फ्रीज़ कराएं और संदिग्ध लेन-देन की जानकारी दें । स्क्रीनशॉट, मैसेज, कॉल रिकॉर्ड और ई-मेल जैसे साक्ष्य सुरक्षित रखें ये जाँच में सहायक सिद्ध होते हैं । बैठक में अपर पुलिस आयुक्त अपराध राजेश सिंह, पुलिस उपायुक्त अपराध सरवणन टी., अपर पुलिस उपायुक्त अपराध श्रुति श्रीवास्तव, सहायक पुलिस आयुक्त अपराध एवं अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
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