राजकीय आयुर्वेद कॉलेज हंडिया में एक रुपये में हो रहा गठिया का इलाज

एक ही छत के नीचे ओपीडी, वार्ड, पंचकर्म, जांच केंद्र की सुविधा

राजकीय आयुर्वेद कॉलेज हंडिया में एक रुपये में हो रहा गठिया का इलाज

प्रयागराज। आर्थराइटिस यानी गठिया जैसी बीमारी से सिर्फ बुजुर्ग ही नही बल्कि अब युवा भी इसकी जद में आ रहे हैं। यही वजह है कि प्रदेश के 8 आयुर्वेद कॉलेज में विशेष स्थान रखने वाले राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज हंडिया में
गठिया उपचार केन्द्र एवं एडवांस्ड रिसर्च सेंटर बनाया गया है जहाँ ओपीडी में आने वाले मरीजों को महज एक रुपये में परामर्श, दवा और इलाज उयलब्ध कराया जा रहा है।
प्रधानाचार्य प्रो.विजय प्रकाश भारती ने बताया कि आयुष मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बड़ा बढ़ावा दिया है। स्वस्थ, समृद्ध और विकसित भारत के संकल्प के साथ नेशनल आयुष मिशन हर गाँव हर घर को सुलभ एवं गुणवत्तपूर्ण आयुष स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित है।इसी कड़ी में आयुर्वेदिक कॉलेज में गठिया केन्द्र एवं पंचकर्म विभाग अपनी प्रभावी चिकित्सा सेवाओं से जटिल, जीर्ण, कष्टसाध्य रोगों में त्वरित राहत प्रदान कर रहा है। इसी के चलते स्थानीय रोगियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में दूर दूर से रोगी यहां उपचार करवाने पहुंच रहे हैं।गठिया उपचार केंद्र में दिसंबर 2024 से अब तक 875 रोगियों का इलाज किया गया है जबकि पंचकर्म द्वारा जनवरी 2024 से अब तक 7000 से अधिक रोगियों  का इलाज किया गया है।
 उप अधीक्षिका डॉ. प्रियंका सिंह ने बताया कि गठिया 50 से अधिक की उम्र में होने वाली बेहद आम बीमारी है। यह जोड़ों में दर्द, अकड़न और सूजन के कारण होती है। गठिया कई तरीके की होती है। इसके होने की वजह अलग-अलग होती है।यह शरीर की किसी भी जोड़ को प्रभावित करती है, जिसमें हाथ और कलाई घुटना, पैर टखना, कंधा पीठ का निचला हिस्सा शामिल होता है। गठिया में सबसे ज्यादा जोड़ों में दर्द, सूजन, लालिमा होती है।
गठिया उपचार केन्द्र के नोडल डा.कैलाश प्रसाद ने बताया कि बताया कि यहां विशेष रूप से ओस्टियोआर्थराइटिस, सायटिका, न्यूरेल्जिया, न्यूरोमस्कुलर डिजीज, स्पोंडिलोसिस और जटिल कष्टसाध्य रोगों में अभ्यंग स्वेदन, वमन, विरेचन, बस्ति, नस्य, रक्तमोक्षण, सिरावेध, शिरोधारा, अभ्यंग, कटिग्रीवा, मात्रा बस्ति, जानुबस्ति, लेप, ग्रीवा बस्ति, अग्नि कर्म, विद्ध कर्म, कपिंग, मर्म चिकित्सा आदि शास्त्रीय उपक्रमों के साथ साथ अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों से रोगियों का उपचार किया जा रहा है।
पंचकर्म चिकित्सा के विशेषज्ञ डा.विजय प्रताप सिंह ने बताया कि गठिया के साथ साथ वेरिकोस वैन, माइग्रेन, तनाव, अनिद्रा, मोटापा, उच्च रक्तचाप, एलर्जी जैसी बीमारियों का पंचकर्म विधि से इलाज किया जा रहा है।
डा.अवनीश पाण्डेय ने कहा कि आयुष मंत्री डा. दयाशंकर मिश्रा दयालु की मेहनत रंग लाई है।उनके प्रयासों का ही नतीजा है कि आयुष विभाग को देश में आयुष मॉडल स्टेट की उपाधि मिली है।
गठिया केंद्र में डा.विजय प्रताप सिंह, डा.पंकज मिश्रा, डा.पवन चौबे एवं डा.दुर्गेश सिंह जैसे अनुभवी चिकित्सकों के द्वारा नियमित गठिया रोगियों का इलाज किया जा रहा है।

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