अपराध पर सख्त नियंत्रण हेतु नई पहल, “ग्राम सुरक्षा समिति” का पुनर्गठन
फिरोजाबाद। उत्तर प्रदेश पुलिस की "जीरो टार्लेंस नीति" के तहत अपराध व असामाजिक गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए जनपद फिरोजाबाद में ग्राम स्तर पर एक सशक्त सुरक्षा ढांचे की स्थापना की गई । वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा इस क्रम में "ग्राम सुरक्षा समिति" का पुनर्गठन किया गया है, जो ग्रामीण सुरक्षा को आधुनिक व संगठित स्वरूप प्रदान करेगा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सौरभ दीक्षित द्वारा असामाजिक गतिविधियों पर लगाम लगाने हेतु जनपद में कुल 1153 ग्राम सुरक्षा समितियों का गठन किया गया है। जिसमें शहरी क्षेत्र में 563 समितियाँ व देहात क्षेत्र में 600 समितियाँ है। यह समिति पहले से कार्यरत ग्राम सुरक्षा समितियों का एक उन्नत व क्रियाशील रूप है, जो न सिर्फ सूचना तंत्र को मजबूत करेगी बल्कि गांव के आम नागरिकों को पुलिस के साथ सुरक्षा व्यवस्था में भागीदार बनाएगी। जनपद के समस्त क्षेत्राधिकारी व थाना प्रभारी अपने-अपने क्षेत्रों में ग्राम सुरक्षा समितियों के साथ संवाद स्थापित कर और उन्हें प्रशिक्षित कर यह सुनिश्चित करगे कि ग्राम सुरक्षा समिति के सदस्य अपने कर्तव्यों को पूरी सजगता से निभाएं।
ग्राम सुरक्षा समिति के प्रमुख उद्देश्य एवं कार्य
गांव के लोगों को रात्रि गश्त में पुलिस का सहयोगी बनाना, जिससे क्षेत्र में होने वाली घटनाओं पर तत्काल कार्यवाही की जा सके।
समिति की रात्रिकालीन सक्रियता (रात्रि 11:00 बजे से प्रातः 3:00 बजे तक) के दौरान पुलिस के साथ सामंजस्य बनाकर गश्त करना।
स्थानीय लोगों की मदद से अपराध और आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाना।
गांव में CCTV कैमरों की स्थापना हेतु सहयोग एवं जन-जागरूकता पैदा करना।
गांव में पुलिस की सीधी पहुंच कनेक्टिविटी व संपर्क प्रणाली को मजबूत करना।
सुरक्षा की भावना और जनभागीदारी का विकास करना ताकि लोग पुलिस पर भरोसा करें और खुलकर सहयोग करें।
किसी भी संदिग्ध गतिविधि, अफवाह या आपराधिक सूचना की तत्काल जानकारी स्थानीय थाना पुलिस को देना।
समिति में सदस्य
समिति में नामित कुल 10 सदस्य होंगे जिसमें वर्तमान ग्राम प्रधान, पार्षद, पूर्व प्रधान, पूर्व पार्षद, 03 ग्राम चौकीदार, 03 शस्त्रधारी युवक, 04 संभ्रांत नव युवक (शिक्षित, सजग एवं जागरूक) शामिल रहेगें। "ग्राम सुरक्षा समिति अब केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि यह अपराध नियंत्रण का एक गतिशील और प्रभावशाली मंच है। जनता को सुरक्षा व्यवस्था में भागीदार बनाकर ही हम समाज को सुरक्षित, शांतिपूर्ण और संगठित बना सकते हैं।
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